छात्र ने “रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है” यह सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाई
पुलिस पर 50 हजार घूस मांगने का आरोप, दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
ऐश्वर्य उपाध्याय दैनिक इंडिया न्यूज :
जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश पुलिस माफिया, बाहुबलियों और अपराधियों के खिलाफ कठोरता दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ यूपी पुलिसकर्मी अपराधियों के पक्ष में जाकर पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लगा रहे है। ताजा मामला लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, में सामने आया है। जहाँ एक युवा, आईएएस अधिकारी बनने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा था, लेकिन किस्मत ने उसके साथ कुछ और ही खेल खेला। उस युवा ने कथित रूप से फांसी लगा ली, अपनी जान दे दी। आत्महत्या से पहले, उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिससे चौंक गया। मृतक ने सुसाइड नोट में पुलिस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक पुलिस पर आरोप लगाता है कि पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर लिया है, जिससे उसका कैरियर बर्बाद हो चुका, जिसके कारण वह सुसाइड करने जा रहा है।
छात्र आशीष ने यह लिखकर किया सुसाइड….
रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है…। मेरे खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है। फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए दरोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल और सिपाही मोहित शर्मा ने ५० हजार रुपये मांगे हैं। यदि रकम नहीं दी जाती है, तो मेरे खिलाफ चार्जशीट लगा दी जाएगी। इस वजह से, मेरे ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले प्रतियोगी छात्र आशीष कुमार (२२) ने रविवार के दोपहर लगभग १२ बजे अपनी जान दे दी। उनका शव कमरे में पंखे की तार से लटका हुआ पाया गया। इस बड़ी घटना की सूचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने रात के ८.३० बजे दरोगा और सिपाही को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। देर रात तीनों पुलिसकर्मियों सहित पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए बढ़ावा देने के मामले में F.I.R. दर्ज कर ली गयी है। वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजकर मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है।
दो पन्नों के सुसाइड नोट में आशीष ने क्या लिखा ….
दुकान में रखी गई एक सीमेंट कंपनी की एस्टीमेट बुक पर आशीष ने एक सुसाइड नोट लिखा है। उस नोट में उन्होंने दरोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल और सिपाही मोहित शर्मा को संबोधित करते हुए लिखा/कहा है कि हमारे घर पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित हैं और उन्हें इसे जांचनी चाहिए। हम सभी भाइयों को धोखे से थाने में बुलाकर सादे कागज़ और आधार कार्ड पर हस्ताक्षर करवा लिए गए हैं। मैं खुदकुशी करने जा रहा हूँ। रहीमाबाद थाना पूरी तरह से भ्रष्ट है…। छात्र आशीष द्वारा सुसाइड नोट में लिखा गया है कि क्षेत्रवासी नंदू विश्वकर्मा, अरविंद और श्याम किशोर उसके परिवार से रंजिश रखते हैं और उन्होंने दिन-रात उसे परेशान किया है। इन तीनों लोगों ने अपने मजदूर की मदद से एक फर्जी एफआईआर दर्ज करवाकर पुलिस से सांठगांठ की गयी।
रुंध गले से रोती हुई माँ ने बेटे के दर्द को साझा करते हुए क्या बताया….
इस मामले में छात्र आशीष की मां सुशीला ने रोते हुए रुंध गले से बताया कि उनका बेटा आशीष सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था, और थाने के उपनिरीक्षक राजमणि पाल ने एफआईआर से उसका नाम हटाने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। परंतु उसके पास इतने पैसे नहीं थे। उसके बाद, दरोगा ने घूस न मिलने के कारण चार्जशीट दायर कर दी। फर्जी मुकदमे के दायर होने से उनका करियर अंधकार में बदल गया और आशीष ने फांसी लगा ली।
पीड़ित परिवार से डीसीपी पश्चिमी ने मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा जताया
लखनऊ डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने इस संबंध में बताया, “मामले में निष्पक्ष जांच की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा एक केस दर्ज किया गया है। उनकी शिकायत के आधार पर, तीनों पुलिसकर्मियों को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया गया है।”
चाहे पुलिस विभाग हो या शिक्षा का मंदिर कॉलेज ऐसा देखा जा रहा है कि भ्रष्टाचार का दीमक तो कही रंजिश के चलते झूठे मुकदमों में
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे नौजवान युवकों/युवतियाँ मजबूर होकर अवसाद या मौत को गले लगा लेते है।
ऐसा ही एक मामला 26 फरवरी 2016 का है जहाँ एक छात्र से उसी कॉलेज के एचओडी ने बार-बार घूस मांगकर इतना प्रताड़ित किया कि लखनऊ के बीएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (बीएनसीईटी) में बीटेक फाइनल ईयर के छात्र ने अपनी जान दे दी।
वहीं एक मामला 16 दिसंबर 2020 को ठाणे जिले का है जहाँ ठाणे जिले में एक टीचर के 10 हजार रुपये की घूस मांगने के बाद परेशान छात्र ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आईपीसी 306 के तहत केस दर्ज किया।
ऐसा ही एक मामला 11 अक्टूबर 2022 का है जहाँ छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की पुलिस प्रताड़ना के कारण एक PHD स्कॉलर युवराज ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। युवराज सोनकर दुर्ग से पीएचडी कर रहा था और छुट्टियों में घर आया हुआ था। दो पक्षों के बीच मामला सुलझाने को लेकर पुलिस द्वारा उसको मुख्य आरोपी बनाकर उसके ऊपर फर्जी मुकदमा लगाकर उसे पीटा और प्रताड़ित किया गया। इस अपमान से आहत होकर उसने फांसी लगा ली।
एक और मामला लखनऊ के सरोजिनिंगर का है जहाँ RLB स्कूल की 11वीं की छात्रा ईशा यादव ने स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षिका के द्वारा दी गई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से त्रस्त होकर आत्महत्या की थी। यह आरोप लगाते हुए छात्रा के पिता प्रदीप यादव ने महानगर कोतवाली में स्कूल की प्रिंसिपल, शिक्षिका और रंजना के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।