दैनिक इंडिया न्यूज़ मऊ। जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बैंकों से ऋण लेने के उपरांत ऋण अदायगी ना करने पर 8 लोगों की बंधक अचल संपत्तियों को SARFAESI Act 2002 के अंतर्गत संबंधित बैंकों को हस्तांतरित करने के आदेश जारी किए। जिन 8 लोगों की बंधक अचल संपत्तियों को हस्तांतरित करने के आदेश जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए उनमें मैसर्स यूनिक इंडस्ट्रीज के मालिक श्री अरविंद कुमार सिंह एवं राकेश सिंह पुत्र नन्हकू सिंह निवासी प्लॉट नंबर ई – 110 इंडस्ट्रियल क्षेत्र ताजोपुर मऊ, रामधनी प्रसाद पुत्र स्वर्गीय फेकू प्रसाद निवासी परशुरामपुर पोस्ट जजौली तहसील मधुबन जनपद मऊ, मेसर्स सुमन मेडिकल स्टोर के स्वामी श्रीमती सुमन सिंह एवं डॉ ओमप्रकाश सिंह पुत्र राम सूरत सिंह, निवासीगण मोहल्ला चांदमारी इमिलिया,तहसील सदर जनपद मऊ, मैसर्स एचडी मस्टर्ड आयल के स्वामी धीरेंद्र बहादुर सिंह पुत्र स्वर्गीय राम मूरत सिंह एवं श्रीमती गौरी देवी पत्नी स्वर्गीय राम मूरत सिंह, निवासीगण हलधरपुर तहसील सदर जनपद मऊ, मैसर्स अनुष्का ब्रिक्स के स्वामी प्रियंका सिंह पत्नी नवीन सिंह, श्रीमती गीता सिंह पत्नी प्रभु दयाल सिंह निवासी चतुर पोस्ट जहानागंज तहसील सदर जनपद आजमगढ़ तथा शशि नाथ सिंह पुत्र दुक्खी निवासी मकान नंबर 116 मौजा सहवल आजमगढ़, गुलजार अहमद पुत्र एखलाख अहमद, श्रीमती मैसरी पत्नी गुलजार अहमद पुत्र श्री एखलाक अहमद निवासीगण भीखमपुर पोस्ट चिरैयाकोट तहसील मोहम्मदाबाद गोहना मऊ, अब्दुल रहीम निवासी युसूफाबाद पोस्ट चिरैयाकोट तहसील मोहम्मदाबाद गोहना जनपद मऊ तथा मेसर्स अंबिका स्टीलमार्ट के स्वामी श्रीमती रंजना रानी पत्नी बृजेश कुमार एवम् बृजेश कुमार पुत्र श्री बांके बहादुर निवासी मकान नंबर 376 बी मोहल्ला निजामुद्दीनपुरा माधव होटल तहसील सदर जनपद मऊ शामिल हैं। इन सभी ऋण प्राप्त कर्ताओं ने अपने आवासीय जमीनों एवं मकानों को बंधक रखकर संबंधित बैंकों से ऋण प्राप्त किए थे, परंतु इनके द्वारा बैंकों को ऋण अदायगी की कार्यवाही नहीं की जा रही थी।
ऋण प्रदाता बैंकों के प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा ऋण अदायगी ना होने पर वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूति करण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 की धारा 14 (1 व 2) के तहत जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में वाद दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अरुण कुमार ने उक्त अधिनियम की धारा 14 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन सभी मामलों में बैंकों द्वारा सारी विधिक प्रक्रिया अपनाने के बावजूद भी ऋण अदायगी नहीं होने पर ऋण प्राप्ति के दौरान बंधक रखी गई समस्त अचल संपत्तियों को नियमानुसार कब्जे में लेते हुए संपत्ति का कब्जा संबंधित बैंकों को सुपुर्द करने के निर्देश संबंधित उपजिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षक मऊ को दिए।