जो मजा जेई के पद में है वह सहायक अभियंता में नहीं

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ। नगर निगम में सरकार कोई हो महापौर व नगर आयुक्त कोई भी रहा हो लेकिन अभियंत्रण विभाग विभाग के जोन एक में किशोरी लाल सबके नैनों के तारे बन कर ही कार्य करते रहे ,ऐसी क्या खूबी है उनमें कि वह लगभग 11 वर्षों से जोन एक में जूनियर इंजीनियर से पदोन्नति प्राप्ति के बाद आज भी यहीं पर बने हुए हैं और उनकी खासियत यह है कि उन्हें पदोन्नति भी मिल गई और उन्होंने आदेश प्राप्त भी कर लिया ,उसके उपरांत भी बैक डेट में जूनियर इंजीनियर बनकर कई पत्रवालियो में पांच प्रतिशत कमीशन लेकर विकास कार्यों को पत्रवालियों में हस्ताक्षर किए और फाइलों को तैयार कर दिया तथा अधिकारी उन्हें अपने आप हर वर्ष 15 अगस्त के अवसर पर प्रशस्ति पत्र भी देते हैं भले ही वह काम करने में दिखाते कुछ हों करते कुछ हों।

सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ कि सरकार पूर्व में कितनी आई और कितनी चली गई। साथी-साथ नगर आयुक्त व महापौर भी कई आए और चले गए लेकिन किशोरी लाल वहीं के वहीं।

एक अपना खास ठेकेदार बना रखा है

जिसका भाई नगर निगम में मेट पद पर जोन 1 में 25 सालो से कार्य कर रहा उसके भाई की ही फर्म जिसके माध्यम से अपना पैसा यह अभियंता इन्वेस्ट करता है जो की जांच का विषय है किशोरी के विषय में दूसरे अभियंता महिमा की चर्चा करते है की ये लखनऊ से कही जाना दूर जोन एक से कही नहीं जायेंगे सूत्रों अनुसार कम पूंजी वाले छोटे ठेकेदारों को इस अभियंता द्वारा बहुत शोषित किया जाता है सूत्र बताते है सुविधा शुल्क लेकर अपने सिस्टम से कार्य करते हैं वही ठेकेदार के विषय में बताया जाता है कि भरत तिवारी मेट केयरटेकर के हिसाब से ही फाइलों को तैयार करते हैं फाइलों को तैयार करने के बाद में

उसे भुगतान करने तक की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के पास रहती है ऐसी स्थिति में यदि क्षेत्र देखा जाए तो जहां-जहां पर विकास कार्य कराए गए हैं उसमें भी अंदर ही अंदर छेद नजर आ रहे हैं चाहे वह नाली का कार्य हो अथवा सड़क खड़ंजा का कार्य हो या अन्य प्रकार के विकास कार्य क्यों नहीं हो उसकी गुणवत्ता पर भी अगर जांच की जाए तब भी कहीं ना कहीं कुछ न कुछ अवश्य मिलेगा बताया जाता है कि उनका स्थानांतरण अभी महत्त्वपूर्ण शासन के निदेशों पर गैर जिले में किया गया है और कई उनके साथ के जूनियर इंजीनियर व अन्य इंजीनियरों को नगर आयुक्त ने रिलीव भी कर दिया है लेकिन आज तक किशोरी लाल को ना रिलीव करने को लेकर तरह-तरह की चचाएँ हैं ऐसी उनमें क्या विशेषता है और तो और किशोरी लाल के विषय में बताया जाता है कि क्षेत्र में तमाम जगहों पर अवैध रूप से अतिक्रमण कराए गए अतिक्रमण करवाने के नाम पर उनसे बंधी बधाई माहवारी रकम भी ली जाती है वैसे वह सामने देखने में कुछ लगते हैं और करने में कुछ लगते हैं उनकी कथनी करनी में भी फर्क है कि वह एक विशेष जाति वर्ग के लोगों को ज्यादा सम्मान करते हैं तथा अन्य जोर लगाए है।

लोगों से अंदर से जलन व हीन भावना भी रखते हैं यहां तक वह बात-बात में लोगों से गाली गलौज भी कर लेते हैं और तो और उनके अधीनस्थ यदि उनके अगर सिस्टम के हिसाब से कार्य न करें तो वह उनकी शिकायत करके हटवा देते हैं यहां तक उनके विषय में जो बताया जाता है कि उनको जितने भी प्रशस्ति पत्र नगर आयुक्त के द्वारा दिए गए हैं वह अपना स्थानतरण रुकवाने के लिए खुद प्राप्त कर मंत्री जी व शासन में सिस्टम सेट करके दिखाने के लिए निगम की सूची में अपना नाम डलवा लेते हैं और उसे छपवाने के लिए भी कुछ अखबार से सेटिंग कर लेते हैं ऐसी स्थिति में उनकी कथनी और किए गए कार्यों की जांच होनी चाहिए उनके हर वार्ड में सड़क 5 वर्ष छोड़िए एक वर्ष भी नहीं टिकती साथ ही साथ यदि उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्थानांतरण किया गया है तो उन्हें कार्य मुक्त किया जाए और मुख्यमंत्री के द्वारा बनाई गई जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए यह अधिकारी बसपा सरकार में नगर निगम में तैनात हुआ था आज भाजपा सरकार में भी मलाई उड़ा रहा साथ ही साथ एक्सईएन बनने पर हैं।

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