यूपी के तेज तर्रार ‘सिंघम’ को योगी ने क्यों दी यूपी पुलिस की कमान-जेपी सिंह

लखनऊ: राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंह ने नव नियुक्त डीजीपी को शुभकामना संदेश देने के बाद दैनिक इंडिया न्यूज़ संवाददाता से बातचीत के दौरान श्री सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को प्रदेश के डीजीपी का प्रभार दिया गया है। 300 से अधिक एनकाउंटर करने वाले तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी को यूपी की योगी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। यूपी में लगातार चौथे कार्यवाहक डीजीपी का ऐलान किया गया है। डीजीपी विजय कुमार 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रदेश पुलिस में मंगलवार को बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ था। 85 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। अब कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार दिया गया है। कार्यवाहक डीजीपी की रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम चल रहा था। इसमें से डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बाजी मारी है। वे सीएम योगी के करीबी अधिकारियों में माने जाते हैं। माना जा रहा है कि कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराया जाएगा। सीएम योगी ने प्रशांत कुमार को प्रमोशन देकर उन पर अपने भरोसे को मजबूत होना दिखाया है।

पिछले महीने आया था प्रमोशन आदेश

स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का डायरेक्टर जनरल के पद पर प्रमोशन का आदेश दिसंबर 2023 में जारी किया गया है। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। वे सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसरों की लिस्ट में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव अब तक नहीं भेजा है। इसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। सरकार अपने पसंदीदा अफसर को कार्यवाहक डीजीपी बनाई है। इसके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव संपन्न होगा। योगी सरकार 1.0 से 2.0 के अब तक के सबसे विश्वसनीय पुलिस अधिकारियों में प्रशांत कुमार माने गए हैं।

सीनियरिटी लिस्ट में 19वें नंबर पर प्रशांत कुमार

यूपी पुलिस की सीनियरिटी लिस्ट में काफी नीचे प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। सीनियरिटी लिस्ट में प्रशांत कुमार अभी 19वें स्थान पर हैं। हालांकि, आईपीएस मुकुल गोयल के बाद आनंद कुमार सबसे वरिष्ठ होने की वजह से डीजीपी पद के लिए दावेदार माने जा रहे थे। इससे पहले योगी सरकार ने तीनों कार्यवाहक डीजीपी बनाने में सीनियरिटी को प्राथमिकता दी थी।

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