** दैनिक इंडिया न्यूज़ ,दिल्ली। 15 अगस्त 2024:** 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित अपने आश्रम में जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री अवधेश प्रपन्नाचार्य ने ध्वजारोहण कर राष्ट्र को संबोधित किया। इस पावन पर्व पर स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति में उन्होंने देशभक्ति का संदेश दिया और बांग्लादेश में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन के घटनाक्रम की निंदा करते हुए भारतवासियों को चेतावनी दी।
अपने भाषण में उन्होंने कहा, “सत्ता के लालच ने बांग्लादेश को जिस संकट में डाल दिया है, वह हमारे लिए एक बड़ा सबक है। अगर भारतीय जाति-पाति के विभाजन में उलझे रहेंगे और राष्ट्र प्रेम को त्याग देंगे, तो बांग्लादेश जैसी स्थिति यहां भी आ सकती है।” उन्होंने बांग्लादेश की स्थिति का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे वहाँ के दुराचारी और अत्याचारी लोगों ने बड़े-बड़े घरों को लूट लिया, यहाँ तक कि प्रधानमंत्री के आवास को भी नहीं छोड़ा। जगतगुरु ने इस कृत्य की घोर निंदा की और इसे अत्यंत शर्मनाक बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बांग्लादेश की सरकार और जनता में राष्ट्र प्रेम होता, तो यह स्थिति कभी उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने भारतीयों से अपील की कि जाति-पाति में न बंटें और अपने सनातन संस्कारों को पहचानें। एक संस्कारी परिवार और राष्ट्र का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
गीता का उदाहरण देते हुए जगतगुरु ने कहा, “पांडवों ने पहले कौरवों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब कौरवों ने नहीं समझा, तो भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणा से युद्ध करके विजय प्राप्त की।” उन्होंने आतंकवादियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत की ओर कोई बुरी नजर डालता है, तो हम न केवल माला पहनते हैं बल्कि भाला भी उठाते हैं। उन्होंने कहा, “हम समुद्र से विनती भी करते हैं और उसे सुखाने की क्षमता भी रखते हैं।”
जगतगुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य ने समस्त सनातनियों से आग्रह किया कि वे शास्त्र और शस्त्र दोनों का अध्ययन करें, जिससे हम अपनी आत्मा और राष्ट्र की आत्मा को सुरक्षित और विभाजित होने से बचा सकें। उनका यह संदेश राष्ट्र के प्रति समर्पण और एकता के महत्व को पुनः स्मरण कराता है, जो हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है।