संस्कृति और संस्कृत के संरक्षण में सरकार की अहम भूमिका – सभापति
दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ। विश्व संस्कृत दिवस के पावन अवसर पर विधान सभा के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सम्पूर्ण राष्ट्र को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और संरक्षण पर विशेष जोर दे रही है। नई शिक्षा नीति में संस्कृत को महत्वपूर्ण स्थान देकर इसे पुनः जनमानस के बीच स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।
सभापति मानवेन्द्र सिंह ने वर्तमान सरकार की सराहना करते हुए कहा, “हमारी संस्कृति और संस्कृत भाषा धीरे-धीरे विस्मृत हो रही थीं, जिन्हें सरकार ने सुदृढ़ रूप से पुनः जनमानस के समक्ष लाने का प्रभावी प्रयास किया है। हमारी संस्कृति और संस्कृत भाषा हमारे ज्ञान, विवेक और भविष्य का आधार हैं।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संस्कृत भाषा को सीखने और उसे आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करें। “यदि हम संस्कृत सीखेंगे, तो न केवल अपनी संस्कृति को सुरक्षित रख पाएंगे, बल्कि इसे और भी बेहतर दिशा में ले जा सकेंगे। संस्कृत केवल देववाणी नहीं, बल्कि हमारे भविष्य की नींव है।”
इस अवसर पर, जितेन्द्र प्रताप सिंह सम्पर्क प्रमुख संस्कृतभारती अवधप्रान्त ने सभापति मानवेन्द्र सिंह से विधान सभा में संस्कृत भाषा की वीथिका की स्थापना का अनुरोध किया। जवाब में सभापति ने कहा कि विधान सभा में पहले से ही महापुरुषों के चित्र और संस्कृत में कई उद्धरण लगे हुए हैं, लेकिन हम संस्कृत भाषा को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
अंत में, जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने सभापति का धन्यवाद किया और सभी को विश्व संस्कृत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।