
महाकुंभ में नाव संचालन से 30 करोड़ की कमाई, रंगदारी और माफिया कनेक्शन पर उठे सवाल

दैनिक इंडिया न्यूज़,प्रयागराज: महाकुंभ 2025 संपन्न हो चुका है, लेकिन इससे जुड़े विवाद अब भी खत्म नहीं हो रहे। ताजा मामला नैनी थाने के हिस्ट्रीशीटर पिंटू महरा से जुड़ा है, जिसका जिक्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में किया था। मुख्यमंत्री ने कुंभ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा था कि पिंटू महरा और उसके परिवार ने नाव संचालन के जरिए 30 करोड़ रुपये की कमाई की।
लेकिन अब पिंटू महरा की आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिंटू महरा हत्या, हत्या के प्रयास, धमकी, रंगदारी और अन्य गंभीर मामलों में आरोपी है। इतना ही नहीं, महाकुंभ 2025 के दौरान भी उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
पिंटू महरा का आपराधिक रिकॉर्ड
प्रयागराज के अरैल क्षेत्र के रहने वाले पिंटू महरा पर दर्जनों गंभीर मामले दर्ज हैं।
- 2009: नैनी के लोकपुर में दोहरे हत्याकांड में नाम आया था। अनिरुद्ध उर्फ बर्रू निषाद और उसके छोटे बेटे छगन निषाद की गोली मारकर हत्या करने का आरोप।
- 2017: जानलेवा हमले के मामले में मुकदमा दर्ज, इस घटना में तीन लोग घायल हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी।
- 2022: दारागंज थाने में दर्ज मामले में गवाहों को धमकाने और बयान बदलवाने का आरोप।
- 2025: महाकुंभ के दौरान भी उस पर केस दर्ज हुआ।
महाकुंभ में मनमाने नाव किराए वसूली का आरोप, प्रशासन पर सवाल
महाकुंभ के दौरान पिंटू महरा के परिवार द्वारा नाव संचालन से 30 करोड़ रुपये कमाने की बात विधानसभा में रखी गई थी। लेकिन स्नानार्थियों का कहना है कि सरकारी दरों की अनदेखी कर नाव संचालन में मनमाने दाम वसूले गए।
श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि सरकारी निर्धारित किराए से 4 से 6 गुना अधिक शुल्क लिया गया। शिकायत करने पर पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई करने के बजाय श्रद्धालुओं को ही उल्टा जवाब दे दिया—
“इसी रेट पर कुंभ जाना है तो जाओ, नहीं तो मत जाओ।”
अब सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी अनियमितता के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
पिंटू महरा पर रंगदारी का आरोप, विपक्ष ने घेरा
इस विवाद के बीच रंगदारी वसूली का मामला भी सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज में नाव संचालन के दौरान पिंटू महरा और उसके सहयोगियों ने कई नाविकों और स्थानीय व्यापारियों से 5000 रुपये प्रति नाव के हिसाब से जबरन वसूली की।
इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए कहा—
“सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिस पिंटू महरा की सदन में तारीफ की, अब वह हिस्ट्रीशीटर और रंगदारी वसूलने वाला निकला। क्या अब यूपी सरकार अपराधियों का महिमामंडन करेगी?”
प्रशासन करेगा कार्रवाई या मामला दबेगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा? हिस्ट्रीशीटर होने के बावजूद महाकुंभ में पिंटू महरा और उसके परिवार को नाव संचालन की अनुमति कैसे मिली?
क्या नाव किराए में अनियमितता और रंगदारी वसूली पर कोई जांच होगी या यह मामला भी समय के साथ दब जाएगा? यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाते हैं।