
लखनऊ ब्यूरो, दैनिक इंडिया न्यूज़ |
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा अब मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए गए विवादित बयान पर लखनऊ के CJM कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक वाद दर्ज हो चुका है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के राष्ट्रीय संयोजक कुलदीप तिवारी ने आपत्ति जताते हुए वाड्रा पर घृणा फैलाने, देश की एकता को चोट पहुंचाने और बहुसंख्यक हिंदू समाज को आतंकी करार देने का आरोप लगाया है।
विवाद की जड़ बनी वाड्रा की वह टिप्पणी, जो उन्होंने 23 अप्रैल को ANI से बातचीत में दी थी। वाड्रा ने न सिर्फ हमला करने वाले आतंकियों के प्रति सहानुभूति जताई, बल्कि यह तक कह डाला कि हमले की वजह हिंदुत्व है और हिंदू समाज ही मुसलमानों की परेशानी का कारण है! उन्होंने यहां तक कह दिया कि देश में मुसलमान डरे हुए हैं और आतंकियों ने हिंदुओं की पहचान करके उन्हें मारा।
इस बयान को सुनकर न केवल पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजन भड़क उठे, बल्कि देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। मामले को गंभीर मानते हुए कुलदीप तिवारी ने पहले हजरतगंज थाने में 19 मई को FIR के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन FIR न होने पर BNSS की धारा 173(4) के तहत अधिवक्ता शेखर निगम और प्रियंका राव के माध्यम से CJM कोर्ट में वाद दाखिल किया गया।
कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 20 जून तय की है। यह वही मामला है जिसमें हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने भी 2 मई को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वाड्रा पर उचित आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है।
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व हाईकोर्ट अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री पहले ही इस मामले में रिट दायर कर चुकी हैं। संगठन ने आरोप लगाया है कि वाड्रा का बयान पूरी तरह विध्वंसक और भारत की अखंडता पर हमला है, जो देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति भी उत्पन्न कर सकता था।
ज्ञात हो कि कुलदीप तिवारी ‘हिंद साम्राज्य पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और ज्ञानवापी, मथुरा व भोजशाला जैसे अहम मामलों में याचिकाकर्ता की भूमिका निभा रहें हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि वाड्रा कानून के घेरे से कैसे बचते हैं — या फिर वाकई उन्हें लखनऊ की अदालत में अपने शब्दों का जवाब देना होगा!