उत्तर प्रदेश में शिक्षा, तकनीक और संस्कारों का समन्वय: मुख्यमंत्री योगी ने मेधावी छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली में तकनीक, संस्कार और खेलों का समन्वय अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2020 में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी उद्देश्य की पूर्ति का माध्यम है, जिसके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लोक भवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने विभिन्न बोर्डों के 122 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया और 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेताओं को मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार से सम्मानित किया।

इस अवसर पर ड्रीम लैब की स्थापना हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग, टाटा नेल्को और जापानी कंपनी यास्कावा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री ने ड्रीम प्रोजेक्ट, विद्यालय खेलों में उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रोजेक्ट अलंकार पर आधारित लघु फिल्मों का भी लोकार्पण किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परीक्षा प्रणाली विद्यार्थियों के मूल्यांकन और प्रतिस्पर्धात्मक भावना के विकास का माध्यम होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ पढ़ने की अपील की और निर्देश दिए कि यह पुस्तक प्रत्येक विद्यालय की लाइब्रेरी में होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में लड़कों की तुलना में बालिकाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है। हाईस्कूल में बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.87% जबकि बालकों का 86.66% रहा। इंटरमीडिएट में यह आंकड़ा क्रमशः 86.37% और 76.60% रहा।

मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रदेश स्तर पर ₹1 लाख, टैबलेट, मेडल और प्रशस्ति पत्र दिए गए। जनपद स्तर पर टॉप करने वाले विद्यार्थियों को ₹21 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।

68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 51 स्वर्ण, 46 रजत और 82 कांस्य सहित कुल 179 पदक प्राप्त किए। इन विजेताओं को क्रमशः ₹75 हजार, ₹50 हजार और ₹30 हजार की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। टीम इवेंट में विजेताओं को ₹35 हजार, ₹25 हजार और ₹15 हजार की राशि दी गई।

मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा के उन्नयन की दिशा में भी कई घोषणाएं कीं। लखनऊ में माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के नए भवन के लिए ₹42.42 करोड़ और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लखनऊ के भवन निर्माण हेतु ₹48.92 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त मलिहाबाद और भदोही में भी संस्कृत शिक्षण संस्थानों के छात्रावास और भवन निर्माण के लिए क्रमशः ₹10.36 करोड़ और ₹9.65 करोड़ की निधि स्वीकृत की गई है।

प्रोजेक्ट अलंकार के तहत जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण हेतु सरकारी सहायता और निजी प्रबंधन की भागीदारी से विद्यालयों को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। ड्रीम लैब योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तकनीकी दक्षता बढ़ाने की दिशा में 162.72 करोड़ की परियोजना प्रारंभ की गई है, जिससे लगभग 1.20 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले की स्थिति में नकल माफिया का बोलबाला था और शिक्षा व्यवस्था अव्यवस्थित थी। डबल इंजन की सरकार ने इस पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया है। अब परीक्षाएं सीसीटीवी निगरानी में पारदर्शी और नकलविहीन संपन्न हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने आगामी 15 जून को आयोजित होने वाले पुलिस भर्ती कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार 12 हजार से अधिक बेटियां पुलिस बल में शामिल होंगी।

कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विधायकगण, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह, शिक्षक, छात्र और अभिभावकगण उपस्थित रहे। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती गुलाब देवी वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़ीं। विभिन्न जनपदों में भी समान रूप से सम्मान समारोह आयोजित किए गए।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *