
कौशल महोत्सव 2025 में 7,500 से अधिक रोजगार अवसर

कौशल से रोजगार तक, लखनऊ बना युवा क्रांति का नया हब
दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ, 11 सितंबर 2025।लखनऊ की धरती पर अब युवाओं के सपनों को पंख लगने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नीरज सिंह की अगुवाई और दूरदर्शिता से राजधानी में “कौशल महोत्सव – लखनऊ 2025” का आयोजन 16-17 सितंबर को कॉल्विन तालुकदार्स कॉलेज ग्राउंड में होने जा रहा है। यह आयोजन युवाओं के लिए 7,500 से अधिक रोजगार और अपरेंटिसशिप अवसर लेकर आ रहा है।
नीरज सिंह ने इस महोत्सव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस को समर्पित बताते हुए कहा – “यह सिर्फ एक रोजगार मेला नहीं, बल्कि सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत युवाओं के लिए सम्मान और अवसर का महाकुंभ है। कौशल से रोजगार तक की यह यात्रा लखनऊ से शुरू होकर भारत को विश्व की स्किल कैपिटल बनाने तक जाएगी।”
योगी आदित्यनाथ और जयंत चौधरी की सहभागिता
इस महोत्सव में कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। इन नेताओं की उपस्थिति से यह आयोजन न केवल लखनऊ बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए रोजगार और कौशल विकास का ऐतिहासिक मंच बनने जा रहा है।
100 कंपनियां और 20 सेक्टर, भविष्य की नौकरियों पर फोकस
इस बार महोत्सव में 100 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां भाग लेंगी, जो ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, बीएफएसआई, ग्रीन जॉब्स, एयरोस्पेस जैसे 20 से अधिक सेक्टरों में अवसर लेकर आ रही हैं। खासतौर पर आईटीआई, डिप्लोमा धारक और ग्रेजुएट युवाओं के लिए 6,900 से अधिक अपरेंटिसशिप पद आरक्षित हैं।
सैलरी पैकेज ₹13,000 से ₹25,000 तक उपलब्ध होंगे, जिससे युवाओं को अपनी योग्यता और आकांक्षाओं के अनुरूप विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा।
भविष्य की दिशा: विकसित भारत @2047
कौशल महोत्सव 2025 को केवल रोजगार मेला कहकर सीमित करना अन्याय होगा। यह आयोजन सीधे तौर पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और विकसित भारत @2047 के विज़न से जुड़ा है।
यह युवाओं को न केवल आज की नौकरियों बल्कि AI, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और साइबर सिक्योरिटी जैसे भविष्य के क्षेत्रों के लिए भी तैयार कर रहा है।
महोत्सव में विशेष इंटरएक्टिव ज़ोन बनाए जाएंगे, जहां युवा नई तकनीकों को सीखकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कदम रख सकेंगे।
यूपी बना कौशल का हब
उत्तर प्रदेश पहले ही नेशनल अपरेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के अंतर्गत 2018 से अब तक 3.21 लाख से अधिक युवाओं को अवसर दे चुका है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट), सेमीकंडक्टर और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब जैसे प्रोजेक्ट्स के चलते राज्य अब कौशल और रोजगार के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। लखनऊ में होने वाला यह महोत्सव उसी प्रगति का प्रतीक है। यह सिर्फ नौकरी देने वाला मंच नहीं, बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आकांक्षाओं को जोड़ने वाली राष्ट्रीय प्रक्रिया है। नीरज सिंह की अगुवाई, राजनाथ सिंह का मार्गदर्शन और योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व मिलकर इसे एक युवा क्रांति का रूप दे रहे हैं। यही वह कदम है जो सीधे तौर पर आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत @2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।