सेवा भारती का सामाजिक अभियान बना जनजागरण का प्रतीक, सांसद बृजलाल बोले — स्वावलंबन ही राष्ट्रीय सुरक्षा का मूलमंत्र

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ। समाज के वंचित, पीड़ित तथा उपेक्षित वर्ग के सर्वांगीण उत्थान हेतु समर्पित संस्था सेवा भारती लखनऊ पूरब का लोककल्याणकारी अभियान अब एक व्यापक जनजागरण का रूप ले चुका है। इसी परिप्रेक्ष्य में संपन्न भव्य आयोजन में पूर्व डीजीपी एवं राज्यसभा सांसद बृजलाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान परिषद के वित्तीय अध्यक्ष एवं सीतापुर से एमएलसी पवन सिंह चौहान ने की।

कार्यक्रम में समाज के विविध वर्गों, विद्यार्थियों तथा स्वयंसेवकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिनके समक्ष सेवा भारती द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में किए जा रहे सतत प्रयासों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।

बृजलाल ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि सेवा भारती का यह सतत प्रयत्न समाज के वंचित वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अत्यंत सार्थक और अनुकरणीय पहल है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक अपने कार्य को निष्ठा और उत्तरदायित्व के साथ संपन्न करे, तो राष्ट्र की सुरक्षा स्वयं सुदृढ़ हो जाती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जब हमारे श्रमक्षेत्र में बाहरी तत्वों की पैठ बढ़ती है — जैसे बांग्लादेशी अथवा रोहिंग्या — तो यह राष्ट्र की सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना के लिए गंभीर संकट का संकेत है। बृजलाल ने कहा कि ये बाहरी शक्तियाँ ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसी मानसिकता को पोषित करने का प्रयास करती हैं, इसलिए आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहते हुए राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखे।

राज्यसभा सांसद बृजलाल ने अपने वक्तव्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने “हलाल सर्टिफिकेट” के मुद्दे पर जो दृढ़ता दिखाई है, वह राष्ट्रहित में एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय है। उन्होंने कहा, “मैंने संसद में भी यह प्रश्न उठाया था कि सरिया, गिट्टी, बालू या मौरंग जैसी निर्माण सामग्रियों के लिए हलाल प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता क्यों है? यह प्रमाणन न केवल अनावश्यक है, बल्कि इसके माध्यम से प्राप्त धनराशि का उपयोग हमारे ही देश के विरुद्ध षड्यंत्रों में किया जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि यदि नगर और ग्राम एक सूत्र में जुड़ जाएँ, तो भारत शीघ्र ही उस रामराज्य की परिकल्पना को मूर्त रूप देगा, जिसकी कल्पना संतों और महापुरुषों ने की थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे MLC पवन सिंह चौहान ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में युवाओं को आत्मबल और परिश्रम का अद्भुत संदेश दिया। उन्होंने कहा, “मैं अत्यंत साधारण परिवार से हूँ। बाल्यावस्था में चाय बेची, पचास रुपये से व्यवसाय प्रारंभ किया, किंतु कभी हार नहीं मानी। आज भी मैं एक दिन की छुट्टी नहीं लेता, क्योंकि अपने कार्य के प्रति मेरी निष्ठा ही मेरा धर्म है।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे जीवन का प्रत्येक आरंभ गायत्री मंत्र के जप से होता है — वही मेरा आत्मिक संबल और प्रेरणा है।” कार्यक्रम के समापन अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र, कार्यालय बैग तथा श्रीराम और राधा-कृष्ण की चित्र-पत्रिकाएँ भेंट कीं और उनके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना की।

सेवा भारती का इतिहास भी उतना ही प्रेरक है जितना उसका वर्तमान। संस्था की स्थापना वर्ष 1989 में दिल्ली प्रांत से आरंभ होकर 2010 में अवध प्रांत में औपचारिक रूप से हुई। संगठन का ध्येय समाज के उपेक्षित वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन तथा सामाजिक समरसता के क्षेत्र में कार्य करना है। सेवा भारती लखनऊ पूरब इन चारों आयामों में निरंतर उल्लेखनीय कार्य कर रही है।

कोविड-19 महामारी के काल में जब असंख्य परिवार अपने अभिभावकों, भाइयों या पुत्रों को खोकर निराशा के अंधकार में डूब गए, तब सेवा भारती ने उनके बीच जाकर सहायता का दीप प्रज्वलित किया। संस्था ने न केवल ऐसे परिवारों की पहचान की, बल्कि शासन-प्रशासन से समन्वय स्थापित कर सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाया। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जिन परिवारों के पास आरटी-पीसीआर रिपोर्ट न होने के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा था, उनके प्रकरणों को भी संस्था ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर न्याय दिलाया। इसके परिणामस्वरूप “उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना (सामान्य)” लागू हुई, जो अब “स्पॉन्सरशिप योजना” के रूप में 12 श्रेणियों के पात्र परिवारों तक विस्तारित है। इस योजना के अंतर्गत अब तक सेवा भारती लखनऊ पूरब लगभग 550 परिवारों को सहायता राशि दिलवा चुकी है।

इन परिवारों की विधवा महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह विधवा पेंशन दिलवाने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा के लिए विद्यालय शुल्क माफी भी कराई गई। जहाँ विद्यालयों ने शुल्क माफ करने से इनकार किया, वहाँ संस्था ने समाज के उदार नागरिकों से सहयोग लेकर वह राशि स्वयं जमा कराई — यह उदाहरण सेवा की उस भावना को प्रकट करता है, जो आत्मार्थ से नहीं, परमार्थ से प्रेरित होती है।

युवाओं के स्वावलंबन के क्षेत्र में भी सेवा भारती ने उत्कृष्ट कार्य किया है। समर्थ भारत अभियान के सहयोग से ए.सी. रिपेयरिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के दो बैच संचालित किए गए, जिनमें 40 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनमें से अनेक प्रशिक्षु हिन्दुस्तान एजेंसी (मित्सुबिशी ए.सी. के चैनल पार्टनर) में कार्यरत हैं, जबकि अन्य प्रशिक्षु विद्युत प्रशिक्षण के अंतिम चरण में हैं। संस्था का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनमें यह चेतना जगाना है कि “रोजगार माँगना नहीं, सृजन करना ही सच्ची सफलता है।”

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विभाग प्रचारक अनिल जी उपस्थित रहे। साथ ही सेवा भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष रविन्द्र गंगवार, भाग सेवा प्रमुख सुभाष अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, रोजगार भारती की उपाध्यक्ष संयोगिता सिंह चौहान, मंत्री ओ.पी. शुक्ला, महामंत्री एवं विभाग स्वावलंबन प्रमुख सुधीर कुमार गुप्ता, भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश, नगर कार्यवाह राजीव जी तथा विभाग सेवा प्रमुख सतेन्द्र जी , डॉ चित्रा सक्सेना संयोजिका सेवा भारती डॉ चित्रा शुक्ला महिला प्रमुख नीलिया देशवाल सह महिला प्रमुख CA सुनील कुमार दास देवेन्द्र अस्थाना प्रांत सेवा प्रमुख प्रशिक्षक संजय यादव की उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया। सभी अतिथियों ने अपने विचारों में कहा कि सेवा भारती का यह कार्य केवल संगठन की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक चेतना का प्रतीक है — एक ऐसा दीप जो अंधकार से जूझते जनजीवन में आशा का आलोक फैलाता है।

कार्यक्रम के समापन पर यह भावना हर हृदय में स्पंदित होती रही कि “सेवा ही साधना है और स्वावलंबन ही सच्ची देशभक्ति।” सेवा भारती का यह निस्वार्थ प्रयत्न न केवल निर्धनों के जीवन में आशा का दीप जला रहा है, बल्कि राष्ट्र के समग्र विकास के पथ पर एक सशक्त कदम सिद्ध हो रहा है — वह कदम जो “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मंत्र को यथार्थ में परिणत कर रहा है और भारत को एक समरस, आत्मनिर्भर तथा सनातन संस्कृति से अनुप्राणित राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कर रहा है।

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