हरिंद्र सिंह/दैनिक इंडिया न्यूज
परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी पूरी दुनिया बन रही: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री जी सांसद के रूप में देश की संसद में अविनाशी काशी का प्रतिनिधित्व कर रहे: मुख्यमंत्री
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज जनपद कानपुर देहात के ग्राम परौंख में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ अभियान के अन्तर्गत आयोजित समारोह में सम्मिलित हुए।
इससे पूर्व, राष्ट्रपति जी तथा प्रधानमंत्री जी ने ग्राम परौंख स्थित पथरी देवी मन्दिर में दर्शन-पूजन किया। इसके पश्चात उन्होंने डॉ0 बी0आर0 अम्बेडकर भवन स्थित डॉ0 आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात उन्होंने ‘मिलन केन्द्र’ में पहुंचकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों से संवाद कर उनके द्वारा निर्मित उत्पादों तथा कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यहां पर निर्मित सेल्फी प्वाइण्ट पर सभी विशिष्ट महानुभावों द्वारा सेल्फी ली गयी। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल जी एवं मुख्यमंत्री जी भी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रपति जी के पैतृक आवास ‘मिलन केन्द्र’ को उनकी इच्छानुसार सार्वजनिक उपयोग के लिए दान कर दिया गया था, जिसे सामुदायिक केन्द्र (मिलन केन्द्र) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। इसमें स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को विभिन्न कार्याें के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
राष्ट्रपति जी ने अपने सम्बोधन में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ग्राम परौंख में जनता-जनार्दन से मिलने उनके निमंत्रण पर आए हैं। यह उनकी सहृदयता और उदारता है। आज न केवल उनका गांव प्रधानमंत्री जी का ऋणी हो गया, बल्कि उनका जिला भी अनुग्रहीत हो गया है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री जी की निष्ठा लोकतंत्र की समावेशी शक्ति के प्रति उसी दिन कायल हो गया था, जिस दिन इस राज्य के एक गरीब परिवार में जन्में व्यक्ति को राष्ट्रपति जैसे पद की जिम्मेदारी देने की पहल की गयी थी। उत्तर प्रदेश के लोगों को सदैव इस बात की टीस रहती थी कि इस राज्य ने 09-09 प्रधानमंत्री दिये हैं, लेकिन राष्ट्रपति एक बार भी नहीं। आज प्रदेश के लोगों को गर्व की अनुभूति होती है कि यहां के एक निवासी को पहली बार देश के सर्वाेच्च पद का उत्तरदायित्व प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि पूरा देश सौभाग्यशाली है कि प्रत्येक नागरिक के जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने भारत माता की सेवा करने के अर्थ को नये आयाम दिए हैं। राष्ट्र सेवा और जनकल्याण की अवधारणा को नई सार्थकता प्रदान की है। प्रधानमंत्री जी ने यहां आकर गांव का भ्रमण किया। पथरी देवी मन्दिर में पूजा-अर्चना की। साथ ही, बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको सादर नमन किया।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब के आधुनिक भारत के निर्माण के संकल्प के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। बाबा साहब मानते थे कि हमारे लोकतंत्र की जड़ें देश की प्राचीन परम्पराओं से ही अपनी जीवनी शक्ति प्राप्त करती हैं। भारतीय संस्कृति पर आधारित समावेशी तथा समरस समाज के निर्माण तथा गरीब, पिछड़े वर्ग के उत्थान के प्रति बाबा साहब जीवन भर संघर्षरत रहे। उनके आदर्शाें को जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी ने कार्य रूप दिया है, वह सभी के लिए अनुकरणीय और अपने आपमें मिसाल है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि लगभग 50 वर्ष पूर्व इस गांव में एक राष्ट्रीय स्तर के नेता डॉ0 राम मनोहर लोहिया जी का आगमन हुआ था। आज प्रधानमंत्री जी के आगमन से उनके गांव तथा आस-पास के क्षेत्र के लोग पुनः एक दुर्लभ ऐतिहासिक घटना के साक्षी बन रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में चाहे वह छोटा हो या बड़ा, साधारण हो या असाधारण उसमें अपनी माँ और मातृभूमि के प्रति विशेष अनुराग व श्रद्धा का भाव जीवनपर्यन्त बना रहता है। मातृ शक्ति के लिए विशेष अनुराग व आदर का भाव प्रधानमंत्री जी के जीवन में भी दिखायी देता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं, जहां पर भी हैं, वह शुभचिंतकों की शुभेच्छाओं के साथ-साथ अपनी मातृ भूमि के आशीर्वाद के बल पर ही सम्भव हो सका है। इस गांव के और आस-पास के निवासियों के हित में स्थानीय प्रशासन द्वारा अनेक जनसुविधाओं तथा कल्याणकारी कार्याें को सम्पन्न किया गया है। ऐसे जन हितैषी कार्योें के लिए उन्होंने राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन की सराहना की।
राष्ट्रपति जी ने प्रधानमंत्री जी की दृढ़ इच्छा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने जापान यात्रा के दौरान वहां बसे भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि उन्हें मक्खन पर नहीं, बल्कि पत्थर पर लकीर खींचना अच्छा लगता है। प्रधानमंत्री जी के चरित्र की यही दृढ़ता आज भारत की शक्ति को विश्व पटल के नये रूप में स्थापित कर रही है। उन्होंने अपने असाधारण पुरुषार्थ के बल पर राष्ट्र की अस्मिता व गरिमा को भव्यता प्रदान की है। भारत माता के ऐसे सपूत पर सभी देशवासियों को गर्व है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि परौंख गांव ने राष्ट्रपति जी का बचपन देखा है और उनके बड़े होने पर हर भारतीय का गौरव बनते हुए देखा है। यहां आने से पहले राष्ट्रपति जी ने अपने संघर्ष की स्मृतियां साझा कीं। जीवन में ऐसा संघर्ष व्यक्ति को उत्कर्ष की ओर ले जाने में मदद करता है। राष्ट्रपति जी के गांव में आने का यह अनुभव मेरे जीवन के लिए एक सुखद स्मृति की तरह है। उन्होंने कहा कि जब वह राष्ट्रपति जी के साथ गांव के विभिन्न स्थानों को देख रहे थे तोे यहां एक आदर्श गांव की छवि का अनुभव किया। यहां सबसे पहलेे पथरी माता का आशीर्वाद मिला। यह मन्दिर इस गांव और क्षेत्र की आध्यात्मिक आभा के साथ-साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का भी प्रतीक है। पथरी माता मन्दिर के निर्माण में राष्ट्रपति जी के पिता के संघर्षों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तीर्थाटन के दौरान उनके द्वारा अनेक धार्मिक स्थलों से एकत्रित किये गये पत्थरों को एक पेड़ के नीचे स्थापित कर गांव वालों की श्रद्धा व सहायता से इस मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी पूरी दुनिया बन रही है। उन्होंने राष्ट्रपति जी के आतिथ्य भाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि अतिथि देवो भवः के संस्कार जिस तरह से प्रत्येक भारतीय के रगरग में बसे हैं, उसका उदाहरण राष्ट्रपति जी ने अपने गांव में उनका स्वागत करके प्रस्तुत किया है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने पैतृक आवास को मिलन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए दे दिया था। आज वह ट्रेनिंग सेण्टर के तौर पर महिला सशक्तिकरण को नयी ताकत दे रहा है। राष्ट्रपति जी के प्रयास से बाबा साहब के आदर्शाें के रूप में अम्बेडकर भवन को प्रेरणा केन्द्र बनाया गया है। भारत की आत्मा गांव में बसती है, क्योंकि गांव हमारी आत्माओं में बसता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में ग्राम परौंख सामूहिक प्रयासों से विकास के पथ पर और भी तेजी से अग्रसर होगा, देश के सामने ग्रामीण विकास का मॉडल प्रस्तुत करेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो ग्रामीण भारत के लिए हमारे सपने और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। स्वाधीनता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी भारत की आजादी को गांव से जोड़कर देखते थे। भारत के गांव अध्यात्म, आदर्श, परम्पराओं, प्रगतिशीलता, संस्कार, सहकार, ममता और समता के प्रतीक होते हैं। अमृत काल में ऐसे ही गांवों का पुनर्गठन, पुनर्जागरण करना हमारा कर्तव्य है। आज इसी संकल्प को लेकर देश गांव, गरीब, कृषि, किसान और पंचायती लोकतंत्र के विभिन्न आयामों में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के गांवों में तीव्र गति से सड़कों का निर्माण हो रहा है।, ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा, आवास बन रहे हैं, एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटे लग रही हैं। शहरों के साथ हमारे गांव भी विकास के पथ पर कदम से कदम मिलाकर चलें, यह हमारा संकल्प है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ड्रोन जैसी तकनीक के प्रयोग से खेती किसानी से जुड़े मुश्किल से मुश्किल काम आसानी से किये जा रहे हैं। तकनीक के जरिये किसान की सुविधा और आमदनी दोनों बढ़े हैं, इस दिशा में और भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। परौंख गांव में 300 से ज्यादा लोगों को स्वामित्व के तहत घरौनी, सम्पत्ति के दस्तावेज दिये जा चुके हैं, यह कुशल तकनीक का ही उदाहरण है। गांवों के पास सामर्थ्य, श्रम शक्ति और समर्पण की भावना है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत के गांवों का सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। जनधन योजना, आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर जल योजना, आयुष्मान भारत योजना आदि योजनाओं का लाभ करोड़ों गांववासियों को मिला है। गरीब कल्याण के लिए देश नेें जिस तेजी से कार्य किया है, वह अभूतपूर्व है। हमारा लक्ष्य है कि योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ प्रत्येक लाभार्थी तक बिना किसी पक्षपात के पहुंचे। समरसता और समानता के जिस सपने के साथ बाबा साहब ने देश को संविधान दिया था, वह सपना आज पूरा हो रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि गांव की संस्कृति, संस्कार और संघर्षांें ने हमारे जैसे न जाने कितने लोगों को तराशा है, यही हमारे लोकतंत्र की ताकत है। भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने संघर्षाें के बल पर उच्चतम पद तक पहुंच सकता है। परौंख गांव के किसान प्राकृतिक कृषि पद्धति को अपनायें ताकि यह पूरे देश के सामने उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत हो सके। अमृत काल में देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाये जायेंगे। परौंख में भी 02 अमृत सरोवरों का निर्माण हो रहा है। इस सरोवरों के निर्माण में ग्रामवासी अपनी भागीदारी और सहयोग दें। ऐसे सम्मिलित प्रयासों से आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा। आत्मनिर्भर भारत का अर्थ आत्मनिर्भर गांवोें से है। जिस तेजी से हमारे गांव विकास करेंगे, उतनी ही तेजी से देश का विकास होगा।
राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को हर्षाेल्लास से मना रहा है। प्रदेश के जनपद कानपुर देहात के ग्राम परौंख में भारत के सर्वाेच्च संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री जी का एक साथ आगमन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने का संदेश दे रहा है। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जब राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री जी एक साथ एक ग्राम मंे आप लोगों से संवाद कर रहे हैं। पूरे देश को अमृत महोत्सव के कार्यक्रम के साथ जोड़कर एक नई प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके पूर्व, प्रधानमंत्री जी ने जनपद लखनऊ में प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये के औद्योगिक विकास के एक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है। इस कार्यक्रम के पश्चात ग्राम पराैंख में सीधे उपस्थित होकर, भीषण गर्मी में एक-एक गतिविधियों का बहुत बारीकी से अवलोकन किया। यह हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरा देश विगत 08 वर्षाें से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। देश के प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इसी परिवर्तन का असर है कि आज ग्राम परौंख एक आदर्श ग्राम, प्रेरणा ग्राम तथा डिजिटल ग्राम बन गया है। यहां की पंचायत में अमृत सरोवरों एवं ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं से युक्त बेसिक शिक्षा स्कूल का निर्माण हुआ है। यहां परिषदीय विद्यालय हैं। एक जूनियर हाईस्कूल तथा एक इण्टर कॉलेज हैं। इस ग्राम सभा में सामुदायिक भवन, कृषि मण्डी एवं स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि देश के सर्वाेच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति जी ने इसी गांव में जन्म लिया। यहीं पले बढ़े और आगे बढ़े। प्रधानमंत्री जी सांसद के रूप में अविनाशी काशी का देश की संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पूरे देश को नेतृत्व देने के साथ ही पूरे विश्व के सामने एक सशक्त भारत की तस्वीर किस रूप में प्रस्तुत करना है, इसे विगत 08 वर्षाें में सभी ने देखा है। आज प्रदेश जो कुछ करने में सफल है, उसके पीछे प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं नेतृत्व ही हम सभी का सबसे बड़ा सम्बल है। इसके कारण आज उत्तर प्रदेश बीमारु राज्य की श्रृंखला के उठकर एक स्वावलम्बी और समर्थ प्रदेश बनने की ओर अग्रसर हुआ है।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत किया गया।
इस अवसर पर देश की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद, प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, उद्यम केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, उद्यम मंत्री श्री राकेश सचान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री अजीत पाल, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।