धनञ्जय पाण्डेय
दैनिक इंडिया न्यूज़ मऊ।औषधि निरीक्षक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राघवेन्द्र सिंह, ने बताया कि नशीली दवाओं के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने अब खरीद बिक्री व भण्डारण की सीमा निर्धारित कर दी है। इसमें कोडिन सीरप, ट्रामाडाल, अल्प्राजोलम, डायजापाम, नाइट्राजेपाम, पेण्टाजोसिन, बुफ्रीनार्फिन एवं क्लोनाजेपाम शामिल हैं। नये निर्देश के मुताबिक थोक विक्रेता अब दुकान में 1000 बोतल ही कोडिन सीरप रख सकेंगे। फुटकर विक्रेता को अधिकतम 100 बोतल कोडिन सीरप रखने का ही अधिकार है। इससे ज्यादा भण्डारण नहीं कर सकेंगे तथा ग्राहक को डाक्टर के पर्चे पर केवल 01 बोतल ही देना है।
ग्राहक को बेचे जायेंगे डायजापाम व नाइट्राजेपाम के मात्र 10 टैबलेट थोक विक्रेता डायजापाम व नाइट्राजेपाम के 02 हजार टैबलेट या कैप्सूल से अधिक का भण्डारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 50 टैबलेट या कैप्सूल ही एक बिल में बेचा जायेगा और वह अधिकतम 200 टैबलेट या कैप्सूल का भण्डारण कर सकेंगे। वह ग्राहक को प्रति पर्चा मात्र 10 टैबलेट या कैप्सूल ही बेचेंगे। इसके अलावां थोक विक्रेता पेण्टाजोसिन और बुफ्रीनोर्फिन के 02 हजार टैबलेट या कैप्सूल से अधिक का भण्डारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 50 टैबलेट या कैप्सूल ही एक बिल पर बेचे जायेंगे और वह 50 टैबलेट या कैप्सूल से अधिक का भण्डारण नहीं कर सकेंगे। ग्राहक को प्रति पर्चा मात्र 10 टैबलेट या कैप्सूल ही बेचे जा सकेंगे।
ट्रामाडाल, अल्प्राजोलम और क्लोनाजेपाम पर भी नियंत्रण ट्रामाडाल, अल्प्राजोलम और क्लोनाजेपाम पर भी नियंत्रण किया गया है। थोक विक्रेता इनके 10 हजार टैबलेट या कैप्सूल से अधिक का भण्डारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 200 टैबलेट या कैप्सूल की बिक्री की जा सकेगी। फुटकर विक्रेता ट्रामाडाल के अधिकतम 02 हजार टैबलेट या कैप्सूल रख सकेंगे। अल्प्राजोलम और क्लोनाजेपाम के अधिकतम 01 हजार टैबलेट या कैप्सूल का भण्डारण कर सकेंगे और वह ग्राहक को हर पर्चे पर अधिकतम 20 टैबलेट या कैप्सूल ही बेच सकेंगे।
उन्होेने ने यह भी अवगत कराया गया कि उक्त नियमों का पालन न करने वाले मेडिकल स्टोरों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।