वि.अध्यक्ष ने छह माह के कार्यकाल की उपलब्धियों को किया साझा, कहा इन महीनों में बदली अवधारणा

देश में प्रथम बार पत्रकारिता पर एक गोष्ठी निमंत्रित की जाएगी : सतीश महाना

आजादी के बाद प्रथम बार महिला विधायकों के लिए एक विशेष उपवेशन सम्पन्न हुआ

बड़े राज्यों में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र भी कर रहे हमारा अनुवर्तन

ऐश्वर्य उपाध्याय दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ:

उत्तर प्रदेश वि.अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने छः महीनों की कार्यावधि की उपलब्धियों को सामने रखते हुए कहा कि इन ६ महीनों में विधानसभा को लेकर सरकार और हमारी धारणा बदली है। कई बड़े राज्य हमारा अनुवर्तन कर रहे हैं।

इस कार्यकाल के दौरान एक दफा भी विधानसभा के काम-काज को स्थगित नहीं किया गया है। छह महीनों कि इस अवधि के मध्य प्रश्नकाल में 20-20 प्रश्नों को पूछ लिया गया। सदन की कार्यवाही को उपयुक्त तरह से चलाने के लिए नेता सदन C.M. योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव दोनों ही लोगों का भरपूर सहयोग भी मिला है। वोही इस सदन के सभी विधायकों ने भी संचालन में भरपूर योगदान दिया।

बड़े राज्यों में गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र भी कर रहे हमारा अनुवर्तन

गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में अपने छः महीनों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए वि. अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि P.M. नरेंद्र मोदी ने उन्हें काम करने को लेकर कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए थे जिस कारण सदन की करवाई सुगम तरीके से संचालित रहे, परिणामस्वरूप एक नई परंपरा की शुरुआत भी हुई ।

इन छः महीनों में सदन की कारवाही से सीख लेते हुए देश के अग्रणी राज्यों में गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी हमारा अनुवर्तन किया गया। प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए सतीश महाना ने कहा कि इसके पश्चात भी विधानसभा संचालन नियमावली का सरलीकरण किया जाएगा जिससे सदन की कार्यप्रणाली में सुगमता के साथ ही सरलीकरण भी आए।

आजादी के बाद प्रथम बार महिला विधायकों के लिए एक विशेष उपवेशन सम्पन्न हुआ

सतीश महाना ने प्रेस वार्ता में बताया कि आजादी के बाद देश की किसी भी विधान सभा में प्रथम बार महिला विधायकों के लिए एक विशेष उपवेशन सम्पन्न हुआ। सभी माननीय महिला सदस्यों द्वारा इस उपवेशन में भाग लिया गया एवं इसकी चर्चा पूरे देश में हुई।
वि.अध्यक्ष ने कहा कि सदन में महिला सदस्यों के सत्र की बुकलेट को भी प्रकाशित करते हुए उसे सभी विधानसभा और लोकसभा में भी भेजा जाएगा।

सदन में छः माह के कार्यकाल में कई नई पद्धतियों का हुआ उदय

वि. अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि इस बार एक नवीन प्रयोग करते हुए महिला बार निर्वाचित सदस्य, प्रोफेशनल और वरिष्ठ विधायकों, डॉक्टरों का समूह बनाकर उनसे समस्यायों के अनुरूप विस्तारपूर्वक वार्ता की गई।

प्रेस वार्ता में महाना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि छः महीनों की इस अल्पावधि में एक नई पद्धति का शुभारंभ हुआ और इसको लेकर 170 सदस्यों से वार्ता भी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात वकीलों, शिक्षकों और विधायकों के भी समूह बनाए जाएंगे जिससे सदन की कारवाही में सरलीकरणता आए। विधायकों के समूह बनाकर उन्हें उद्योगपतियों के पास भेजा जाएगा। जिससे वे वहा (उद्योगपतियों) के यहां जाकर उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित और आमंत्रित भी कर सकेंगे।

सतीश महाना ने यह भी बताया कि काफी पहले से विधानसभा की लॉबी में विधायकों के सोने की व्यवस्था को समाप्त किया गया। इसी के साथ लॉबी में कॉफी की मशीन भी लगाई गई। वि.अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर की बनाने के काम को भी किया जा रहा है।

यूथ पार्लियामेंट युवाओं को भी आमंत्रित करने की योजना होगी

सतीश महाना ने बताया कि सदन में युवा संसद (यूथ पार्लियामेंट) आमंत्रित किए जाने की भी योजना है, जिसमें युवाओं को इनवाइट करके युवा संसद का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा। इस युवा संसद की रूपरेखा को शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इस युवा संसद का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि प्रदेश केे युवा, संसद एवं उसकी कार्यवाही के प्रति संवेदनशील हों एवं उनको इस बात के लिए उत्साहित किया जा सके कि वे संसदीय जीवन में आने की भी अभिलाषा रखें।

देश में प्रथम बार पत्रकारिता पर एक गोष्ठी निमंत्रित की जाएगी

शीघ्र ही विधान सभा की कार्यवाही की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के संबंध में संसदीय पत्रकारिता पर एक गोष्ठी निमंत्रित की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ पत्रकारों एवं वरिष्ठ राजनीतिक महानुभावों द्वारा इस पर चर्चा की जाएगी कि किस प्रकार से सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग निष्पक्ष रूप से एवं सकारात्मक रूप से की जा सके। देश में प्रथम बार इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

वि.अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में यह भी कहा कि ई-विधान के लागू होने के पश्चात् सभी विधायकों को इसका प्रशिक्षण दिया गया एवं संतोष की बात है कि लगभग 90 % से अधिक विधायक इसका उपयोग भी करते हैं एवं विधान सभा में कागज के प्रयोग की संख्या कम हुई है। इसके साथ ही सभी माननीय सदस्यों को ई-विधान योजना के अंतर्गत टैबलेट भी वितरित किए गए, जिसमें ई-विधान से संबंधित समस्त सॉफ्टवेयर एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।

वहीं विधान सभा में एक्सेस कंट्रोल के सिस्टम स्थापित करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को संसद के समान बनाया गया, जिसका दूसरा चरण शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा। इस सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत सभी सदस्यों के वाहनों में ‘चिप’ के माध्यम से यह व्यवस्था की जाएगी के उनके वाहन बिना किसी रुकावट के अंदर का सकें एवं अन्य वाहनों को रोका जाएगा।

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