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प्रशिक्षार्थियों ने सरल सुगम व्यावहारिक रूप में संस्कृत व्याकरण नियमों का उठाया लाभ
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दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ। संस्कृत भारती अवध प्रान्त के आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण कक्षा 1 जून से 12 जून 2023 तक परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, विद्याकुण्ड, अयोध्या में आयोजित की जा रही है। जिसमें 13 जनपदों से चयनित लगभग 100 प्रशिक्षार्थी सम्मलित हुये।
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आयोध्या में बुधवार को, संस्कृत भारती अवध प्रान्त द्वारा आयोजित 12 दिवसीय आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग में मुख्य बौद्धिक श्री श्री शदेव पुजारी अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख, संस्कृत भारती के साथ जे. पी. सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास अवध प्रान्त के सानिध्य में आयोजित हुआ। लगभग 100 प्रशिक्षार्थियों ने इस अवसर का लाभ उठाया और संस्कृत व्याकरण नियमों को अत्यंत सरल और सुगम व्यावहारिक रूप से ग्रहण किया।
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इस अवसर पर श्री श्री शदेव पुजारी और जे.पी.सिंह ने, अयोध्या के नए स्वरूप में विराजमान रामलला के आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण अपने भव्य स्वरूप को प्राप्त कर रहा है। निर्धारित समयानुसार रामलला अपनी जन्मस्थली मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होकर सम्पूर्ण राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगे और दिव्य स्वरूप में दर्शन प्रदान करेंगे। रामजन्मभूमि न्यास के सफल प्रयास और नवाचारों के साथ मंदिर अब वृहद स्वरूप में मूर्तरूप धारण कर रहा है।
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संस्कृत भारती न्यास अवध प्रान्त के अध्यक्ष जे. पी. सिंह ने बताया कि संस्कृत भारती का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के उत्थान के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के लिए संवादात्मकता को सुलभ बनाना है।
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उन्होंने बताया कि संस्कृत जनभाषा हो, और समाज को इसके संरक्षण की जिम्मेदारी स्वीकारने का आह्वान किया। इसके लिए, संस्कृत भारती अवध प्रान्त द्वारा हर वर्ष दो बार आवासीय प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया जाता है। इस बार, यह आवासीय वर्ग अयोध्या में आयोजित हो रहा है।
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विभिन्न निर्माण प्रक्रिया के साक्षी होकर श्री श्री शदेव पुजारी अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख व जे. पी. सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास ने मंदिर न्यास द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंत में जे. पी. सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास अवध प्रान्त ने शिक्षण प्रशिक्षण वर्ग के साथ श्री रामलला विराजमान के दर्शन कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया।