लखीमपुर : तिकुनिया कांड में एसआईटी ने किया बड़ा खुलासा -हादसा नहीं साजिश

उदयराज/डीडी इंडिया न्यूज

मंत्री अजय मिश्र के बेटे ने ही किसानों को मारा:लखीमपुर हिंसा पर SIT का खुलासा, आशीष मिश्रा व उसके साथी जेल से कोर्ट लाए गए

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लखनऊ, । प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में हुए तिकुनियां हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मुसीबत बढ़ गयी है । जांच में एसआईटी ने इस बात का खुलासा किया है कि लखीमपुर हिंसा को एक्सीडेंट नहीं थी बल्कि सोची समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया था।

इस मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र एवं मुख्य आरोपी आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ अब हत्या का मुकदमा चलेगा।

तिकुनिया हिंसा के मुख्य आरोपित व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपितों पर सोची समझी साजिश रचने की बात का खुलासा हुआ है। इसके तहत अब इन सभी आरोपितों पर जांच के बाद धाराएं बदली गई हैं। कुछ धाराओं को हटाकर अन्य गम्भीर धाराएं बढ़ाई गई है। गौरतलब है कि अक्टूबर माह में हुए तिकुनिया हिंसा में चार किसानों, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई थी। इस हिंसा का मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा समेत कई आरोपित जेल में है। वहीं, अभी तक आशीष की जमानत भी नहीं हुई है।

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर किया है। इसके तहत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के अंतर्गत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया गया है। एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने पिछले हफ्ते सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया है। अपने आवेदन में, जांच अधिकारी ने बताया कि घटना सुनियोजित और एक जानबूझकर किया गया कार्य था, न कि लापरवाही थी।

अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) ने पाया है कि एक सोची समझी साजिश के तहत किसानों को गाड़ी से कुचला गया जिसके बाद सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या के बजाय हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआईटी ने अब सभी आरोपियों पर 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149 के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले लखीमपुर कांड के गुनहगारों पर आईपीसी की धारा 279, 338, 304 ए के तहत कार्रवाई की जा रही थी।


इस मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र को आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था और मामले की जांच एसआईटी के सुपुर्द की गयी थी। एसआईटी ने आशीष मित्र अंकित दास को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके अलावा इस मामले में अब तक लवकुश,आशीष पांडे,शेखर भारती,लतीफ उर्फ काले, शिशुपाल,नंदन सिंह विष्ट,सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश,सुमित जायसवाल,धमेन्द्र,रिंकू राना और उल्लास त्रिवेदी जेल में है।


किसानो का आरोप है कि जिस एसयूवी से कुचले जाने से किसानो की जान गयी,वह वाहन अजय मिश्र टेनी का है और उसे उनका पुत्र आशीष मिश्र चला रहा था। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नौ अक्टूबर को आशीष को गिरफ्तार किया था।

इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद शाही ने चल रही जांच से कोर्ट को अवगत कराया। शाही ने कहा कि अभी बड़ी संख्या में गवाहों के बयान दर्ज किए जाने हैं।

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