

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ। समाज में संवेदना अभी जीवित है — यह उदाहरण सोमवार को सरस्वती शिशु मंदिर, तकरोही, इंदिरा नगर में देखने को मिला, जब जरूरतमंद बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए एक पहल की गई।
आचार्य शिवनन्दन शुक्ल के अनुरोध पर विद्यालय में पहुंचकर ऐसे बच्चों की पहचान की गई जिनके पिता का देहांत हो चुका है। इन मासूम बच्चों को मुख्यमंत्री स्पॉन्सरशिप योजना के तहत दी जाने वाली ₹4000 की आर्थिक सहायता के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही विधवा पेंशन योजना से ₹1000 प्रतिमाह और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से ₹30,000 की एकमुश्त सहायता राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया भी समझाई गई।
विद्यालय की छात्राओं — रजनी शर्मा, जूही, मुन्नी देवी, सोहनी, आयुष और अंजली पांडे को फॉर्म भरने, आय प्रमाण पत्र बनवाने तथा योजना के लिए आवेदन करने की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई।
इसी दौरान एक भावनात्मक क्षण उस समय आया जब सीतु मिश्रा, जिनकी पुत्री रीतु मिश्रा (कक्षा 6) में पढ़ती हैं, का मामला सामने आया। सीतु मिश्रा के पति नशे की लत में डूबे रहते हैं और परिवार की कोई जिम्मेदारी नहीं निभाते। मजबूर मां मजदूरी करके बच्चों का पालन-पोषण कर रही है और आर्थिक तंगी के कारण पिछले छह महीनों से स्कूल फीस जमा नहीं कर पाई थी। परिस्थिति को देखते हुए रीतु मिश्रा की वर्षभर की ₹12,300 की फीस स्वयं भरने का आश्वासन दिया गया।
