
दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली, 2 अक्टूबर।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्कृत भारती न्यास, अवध प्रांत के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने दोनों महान विभूतियों को नमन किया और उनके आदर्शों को आज के भारत का वास्तविक पथप्रदर्शक बताया।
राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में जितेन्द्र प्रताप सिंह ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के माध्यम से न केवल भारत को आज़ादी दिलाई, बल्कि पूरी दुनिया को एक नई सोच दी। वहीं शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को एकता, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया।”
उन्होंने कहा कि गांधी जी का सत्याग्रह केवल स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन नहीं था, बल्कि एक जीवन दर्शन था। आज जब समाज अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, तब गांधी जी के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। दूसरी ओर, शास्त्री जी की सादगी, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प हर नागरिक के लिए आदर्श हैं।
जितेन्द्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट कहा कि “यदि हम गांधी और शास्त्री जैसे महापुरुषों के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतार लें तो निश्चित ही भारत को विश्वगुरु बनाने की राह सरल हो जाएगी।”
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने उपस्थित नागरिकों और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे दोनों महान विभूतियों की शिक्षाओं को आत्मसात करें और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य करें।