जगतगुरु राघवाचार्य जी ने गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र की दिव्य महिमा का किया वर्णन

डॉ. महेन्द्र सिंह के नेतृत्व में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह की उपस्थिति में सनातन धर्म का अद्वितीय उत्सव

दैनिक इंडिया न्यूज़, 5 नवम्बर 2024 — प्रतापगढ़ के करमाही में आयोजित इस विशेष श्रीमद्भागवत कथा में जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य जी की पावन वाणी ने सभी भक्तों को आध्यात्मिकता की गहराई में डुबो दिया। कथा में गजेंद्र मोक्ष का विशेष प्रसंग प्रस्तुत करते हुए उन्होंने इस प्रसंग की दिव्य महिमा और उसके गूढ़ अर्थों का विस्तार से वर्णन किया।

जगतगुरु राघवाचार्य जी ने गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र के पाठ का महात्म्य समझाते हुए कहा कि यह स्तोत्र संकट के समय में एक अद्भुत संजीवनी के समान है। उन्होंने कहा, “ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धापूर्वक इस स्तोत्र का पाठ करता है, वह हर प्रकार की विपत्ति से मुक्त हो जाता है। गजेंद्र मोक्ष की कथा में, जब गजेंद्र (हाथी) को मगरमच्छ ने पकड़ लिया, तब उसे अपने पूर्व जन्म का स्मरण हुआ और उसने भगवान श्री हरि का आह्वान किया। उसकी इस सच्ची प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु स्वयं प्रकट हुए और सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ का वध कर गजेंद्र को मुक्त किया। यह कथा हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, यदि हम भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण रखते हैं, तो वह हमारी रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते हैं।”

उपद्रवोऽस्मिन्महाबाहो दृष्ट्वा गजेंद्रं दुरात्मना।
प्राणान्विदधती घोरं गजेंद्रं कृताञ्जलिम्॥”

“जगन्मयः सर्गतत्त्वं सृष्टिं चामोदते प्रिये।
त्वं च गजेंद्र मोक्षाय सर्वदुःखानुशासनम्॥”

इस कथा में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए श्रीमद्भागवत के ज्ञान का गुणगान करते हुए कहा, “यह पावन कथा सनातन धर्म के प्रति आस्था को एक नई दिशा दे रही है। डॉ. महेन्द्र सिंह ने इस आयोजन के माध्यम से धर्म और संस्कृति की महान परंपरा को पुनर्जीवित किया है, जो हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

डॉ. महेन्द्र सिंह, जो पूर्व जल शक्ति मंत्री एवं मध्य प्रदेश भाजपा के प्रभारी हैं, के नेतृत्व में यह आयोजन हुआ। उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, “यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज में सत्य, धर्म और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। ‘यतो धर्मस्ततो जयः’ — जहां धर्म है, वहीं विजय है, और यह आयोजन सनातन धर्म की महिमा का जीवंत प्रतीक है।”
जगद्गुरु राघवाचार्य जी कीऔर दिव्य वाणी और श्रीमद्भागवत कथा के प्रसंग ने श्रोताओं के हृदय को भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक आनंद से भर दिया।
इस अवसर पर सुषमा खर्कवाल महापौर लखनऊ, संजय निषाद मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सहित बड़ी संख्या मे गणमान्य जन व स्थानीय भक्तों ने कथा का रसास्वादन किया। कथावाचक परम श्रद्धेय जगद्गुरू स्वामी श्री राघवाचार्य जी महराज जी की दिव्य वाणी व भाव अभिव्यक्ति ने समस्त भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह राष्ट्रीय सनातन महासंघ ने डा महेन्द्र सिंह पूर्व मंत्री तथा मध्य प्रदेश प्रभारी भारतीय जनता पार्टी को इस आलौकिक सनातन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अंतर्मन पटल से साधुवाद ज्ञापित करते हुए आमंत्रण व सहभागी बनने का अवसर प्रदान करने हेतू धन्यवाद प्रदान किया

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