भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पेश की उपस्थिति, जामा मस्जिद कमेटी को एक्स पार्टी घोषित करने की अपील पर विचार
दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली ।मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) भव्या श्रीवास्तव की अदालत में आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबे श्रीकृष्ण विग्रह प्रकरण की सुनवाई हुई। लगातार तीन बार नोटिस जारी होने के बावजूद जामा मस्जिद कमेटी की ओर से कोई प्रतिनिधि अदालत में पेश नहीं हुआ। दूसरी ओर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की।
वादी पक्ष के अधिवक्ता राजवीर सिंह चौहान ने प्रतिवादी संख्या 1, यानी जामा मस्जिद कमेटी, को एक्स पार्टी घोषित करने की अपील की। अदालत ने जामा मस्जिद कमेटी की अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए, इस अपील पर विचार के लिए अगली सुनवाई 6 फरवरी को निर्धारित कर दी।
इस मामले में वृंदावन के संत और सनातन धर्म रक्षापीठ के पीठाधीश्वर ने वाद दायर किया है, जिसमें कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर पैरवी कर रहे हैं। याचिका में यह तथ्य प्रस्तुत किया गया कि मुगल शासक औरंगज़ेब ने मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भगृह से विग्रह निकालकर आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया था, जो सनातन धर्म का अपमान है।
कौशल किशोर ठाकुर ने याचिका में कहा कि ये तथ्य प्रमाणित इतिहास और भारत सरकार द्वारा मान्य साक्ष्यों पर आधारित हैं। उन्होंने अदालत से श्रीकृष्ण विग्रह को बाहर निकालने और ब्रजवासियों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि कौशल किशोर ठाकुर ने मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी के ज्ञानवापी प्रकरण में भी धर्म रक्षा से संबंधित याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं, जिनकी सुनवाई वाराणसी और हाईकोर्ट में चल रही है।