

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार को उनके सरकारी आवास पर नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और छवि निर्माण हेतु नियोजन विभाग के अंतर्गत गठित आर्थिक सलाहकार समूह ने भेंट की। बैठक में समूह ने कृषि, परिवहन, ऊर्जा, सिंचाई, उद्यमिता समेत विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सुझाव दिए। समूह में कृषि, शिक्षा, सेमीकंडक्टर, एमएसएमई, स्टार्टअप आदि क्षेत्रों के देश के विषय विशेषज्ञ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने समूह के सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश आज भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा, “प्रदेश के सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। आर्थिक सलाहकार समूह से प्राप्त सुझावों का समयबद्ध क्रियान्वयन आवश्यक होगा।”
रोजगार मिशन से युवाओं को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ का गठन किया गया है, जो शीघ्र कार्य शुरू करेगा। इसके तहत जॉब मैपिंग, कौशल विकास, भाषा प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
ईवी और रिन्यूएबल एनर्जी में बढ़त
मुख्यमंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण में उत्तर प्रदेश निकट भविष्य में हब बनेगा। हिंदुजा ग्रुप की यूनिट में जल्द उत्पादन शुरू होगा। प्रदेश में किसानों को 15-16 घंटे बिजली मिल रही है। पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत एक लाख सोलर पैनल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। निजी पंप सोलराइजेशन में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी है, जिससे किसानों की लागत घट रही है और राज्य का विद्युत उत्पादन बढ़ रहा है।
2027 तक 22 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा, “सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सराहनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई माह में कानपुर से लगभग 8,000 मेगावॉट के पावर प्लांट का उद्घाटन किया था। वर्ष 2027 तक प्रदेश 22,000 मेगावॉट बिजली उत्पादन शुरू कर देगा। उत्तर प्रदेश रिन्यूएबल एनर्जी में देश का रोल मॉडल बनेगा।”
किसानों के हित में बड़े कदम
उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में एक दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा दी गई है। शारदा नहर का पानी पहली बार वाराणसी पहुंचा है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल के किसान अब तीन-तीन फसलें ले रहे हैं। मूंग दाल, मूंगफली और मक्का की खरीद के लिए प्रोक्योरमेंट केंद्र स्थापित किए गए हैं। वर्ष 1996 से 2017 तक गन्ना किसानों को जितना भुगतान हुआ, विगत आठ वर्षों में उससे 70 हजार करोड़ रुपये अधिक, यानी कुल 2.85 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
औद्योगिक विकास और निवेश का केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हर साल केवल 500 फैक्ट्रियों का पंजीकरण होता था, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 4,000 प्रति वर्ष पहुंच गई है। गोवंश संरक्षण और गो आधारित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया गया है। मत्स्य उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में है। निवेश के लिए अनुकूल वातावरण ने प्रदेश को देश का सबसे तेजी से बढ़ता निवेश हब बना दिया है। उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य हर वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, रोजगार सृजित करना और प्रदेश की आय बढ़ाना है।”
आर्थिक सलाहकार समूह के सुझाव
समूह ने उत्तर प्रदेश की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि निवेश के अनुकूल माहौल के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। समूह ने कहा कि प्रदेश को अपने खाद्य पदार्थों को ग्लोबल ब्रांड बनाने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा देने और प्रदेश में आईटी टैलेंट मिशन लॉन्च करने का सुझाव दिया, जिससे सॉफ्टवेयर निर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।