“बिजली के बोझ से मुक्ति का ऐतिहासिक कदम,ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने खोला राहत का विराट अध्याय”

दैनिक इंडिया न्यूज़ मऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मऊ प्रवास के दौरान बहुउद्देशीय भवन ‘मंगलम’ में आयोजित ऊर्जा शिविर में उपस्थित उपभोक्ताओं और अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि विद्युत बिल राहत योजना 2025–26 केवल एक योजना नहीं, बल्कि जनता को आर्थिक बोझ से उबारने की दिशा में सरकार का ऐतिहासिक संकल्प है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार ऐसे किसी भी नागरिक को बिजली बिलों के भार तले दबे रहने नहीं देगी और इस दिशा में यह पहल एक निर्णायक मोड़ है।

अपने विस्तृत संबोधन में मंत्री शर्मा ने बताया कि योजना के अंतर्गत उपभोक्ता यदि अपनी बकाया धनराशि एकमुश्त जमा करते हैं, तो उन्हें सरचार्ज में सौ प्रतिशत तथा मूलधन पर पच्चीस प्रतिशत तक की उल्लेखनीय छूट प्राप्त होगी। उन्होंने छूट की चरणबद्ध प्रणाली का वर्णन करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 में पंजीकरण कराने वालों को अधिकतम लाभ प्राप्त होगा, जबकि जनवरी व फरवरी 2026 में पंजीकरण की स्थिति में छूट क्रमशः घटती जाएगी। उनका कहना था कि सरकार की प्राथमिकता यह है कि उपभोक्ता शीघ्रता से लाभ ले सकें और राज्य की ऊर्जा व्यवस्था भी मजबूत वित्तीय स्थिति की ओर अग्रसर हो।

उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि योजना केवल घरेलू नहीं, बल्कि वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए भी समान रूप से हितकारी है। साथ ही, बिजली चोरी के प्रकरणों में उलझे उपभोक्ताओं को भी राहत प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत पंजीकरण कर वे निर्धारित राशि का भुगतान कर अपनी कठिनाइयों से मुक्त हो सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रावधान से वे लोग भी राहत पाएंगे, जो मीटर संबंधी त्रुटियों या तकनीकी समस्याओं के कारण अनजाने में विवादों में फंस गए थे।

गरीब और निम्न-मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मासिक किस्तों में भुगतान की सुविधा भी प्रदान की है, जिसके अंतर्गत केवल 750 रुपये प्रतिमाह की राशि देकर उपभोक्ता अपने बकाया का निस्तारण कर सकते हैं। मंत्री शर्मा ने इसे जनता को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला सशक्त कदम बताया, जिससे छोटे उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी चिंता दूर होगी।

योजना के क्रियान्वयन के दौरान विभाग ओवरबिलिंग और अंडरबिलिंग से प्रभावित उपभोक्ताओं के केसों की भी पुनर्समीक्षा करेगा। शर्मा ने स्पष्ट कहा कि उपभोक्ता पर अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा और उन्हें पारदर्शी तथा यथार्थ बिलिंग का लाभ हर हाल में प्राप्त होगा। इसे उन्होंने उपभोक्ता विश्वास को पुनर्जीवित करने का अभियान बताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण प्रक्रिया सहज, सुगम और नियमबद्ध हो।

पंजीकरण प्रक्रिया को सरल करते हुए उपभोक्ताओं को विभागीय वेबसाइट, खंड व उपखंड कार्यालयों, सीएससी केंद्रों और विभागीय कैश काउंटरों पर आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी उपभोक्ता को प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए और प्रत्येक आवेदन समयबद्ध रूप से निस्तारित किया जाए।

अपने संबोधन के समापन में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह योजना सरकार की पारदर्शी नीतियों, संवेदनशील शासन और जनहित-प्रधान सोच का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था में सुधार, अनुशासन और जनसहभागिता का नया अध्याय बताते हुए कहा कि इससे न केवल बकाया राशि में कमी आएगी, बल्कि नई ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन भी सुदृढ़ होंगे।

उन्होंने अधिकारियों और जनता दोनों से आग्रह किया कि इस योजना को अधिकतम लोगों तक पहुँचा कर इसे सफल बनाएं, क्योंकि सरकार के लिए जनता का हित सर्वोपरी है। शर्मा ने विश्वास जताया कि विद्युत बिल राहत योजना आने वाले वर्षों में प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देगी और उपभोक्ताओं को आर्थिक बोझ से स्थायी राहत प्रदान करेगी।

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