“वाराणसी में योगी आदित्यनाथ ने यूथ-20 समिट के मंच पर किया संबोधित, बताई भारतीय धरोहर की महत्वपूर्णता”
दैनिक इंडिया न्यूज़ वाराणसी/लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जनपद वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में जी-20 समिट की श्रृंखला में आयोजित यूथ-20 (वाई-20) समिट में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कार्यक्रम में देश-विदेश से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपनी सांस्कृतिक विविधता में एकता के कारण भारत दुनिया के नागरिकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। लोकतान्त्रिक परम्पराओं पर विश्वास करते हुए, भारत की 140 करोड़ आबादी देश की एकता व अखण्डता के लिए कार्य कर रही हैै। यह भारत को विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी के देश के रूप में भी प्रस्तुत करती है।
मुख्यमंत्री ने देश की सबसे प्राचीन आध्यात्मिक नगरी काशी में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि वाराणसी बाबा विश्वनाथ का पावन धाम है। प्राचीन काल से ही धर्म व अध्यात्म की नगरी होने के साथ ही, भारत के दर्शन, शिक्षा, साहित्य व कला की भूमि के रूप में भी यह प्राचीन नगरी जानी जाती रही है। प्रदेशवासियों की ओर से देश के प्रधानमंत्री तथा वाराणसी के लोकप्रिय सांसद नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जी-20 की कई समिट के आयोजन का अवसर उत्तर प्रदेश को दिया है। इसी श्रृंखला में यूथ-20 (वाई-20) की मुख्य समिट का आयोजन वाराणसी में हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी, उत्तर प्रदेश की प्रमुख नगरी है। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परंपरा, कला, संगीत, शिक्षा की एक प्रमुख नगरी के रूप में वाराणसी ने भारत के हृदय स्थल के रूप में अपनी पहचान बनायी है। वाराणसी हमारे लिए प्रमुख धर्म स्थल इसलिए भी है कि भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश यहीं सारनाथ में दिया था, जो आज भी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए पवित्र व आकर्षण का केंद्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी की त्रिवेणी हमें विशिष्ट बनाती है। प्राचीन संस्कृति की सुदृढ़ नींव पर हमारा देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करते हुए, अमृत काल के प्रथम वर्ष में जी-20 के इस प्रतिष्ठित आयोजन की अध्यक्षता कर रहा है। हर भारतवासी न केवल इस आयोजनों के प्रति लालायित है, बल्कि अपने आप को वैश्विक मंच पर उभरते हुए भारत के रूप में प्रस्तुत करने में गौरवान्वित महसूस करता है। जी-20 की थीम ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ है। यह भारत की उस प्राचीन व्यवस्था को प्रस्तुत करता है, जिसने हजारों वर्ष पहले दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दिया था। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ अर्थात पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने वाली व्यवस्था। ‘यह मेरा है, यह तेरा है, यह विचार संकुचित सोच के लोगों का है। उच्च चरित्र वाले संपूर्ण संसार को ही एक परिवार मानते हैं।
मुख्यमंत्री ने दुनिया के कोने-कोने से आये युवाओं से कहा कि प्राचीन समय से ही युवा शक्ति की बात होती रही है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम तथा श्रीकृष्ण को याद करते हुए ‘निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह’ तथा ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्, धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे’ का जिक्र किया। उन्होंने दुनिया को निर्वाण का उपदेश देने वाले भगवान बुद्ध, आदि शंकराचार्य, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, महारानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, ठाकुर रोशन सिंह, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, विनायक दामोदर सावरकर, वीर अभिमन्यु, फ्रांस के लुइस ब्रेल तथा आइंस्टीन द्वारा युवा काल के दौरान किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने अटल इनोवेशन मिशन, स्टार्ट-अप इंडिया तथा स्टैंड अप इंडिया के तहत युवाओं के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के लिए किये जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने आज के युवा को कल का निर्माता बताते हुए कहा कि बनारस का यह प्रवास आप सभी में एक नयी ऊर्जा का संचार करेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री को डायनामिक मुख्यमंत्री बताया तथा प्रधानमंत्री द्वारा विगत 09 वर्षों में किये गये कार्यों का जिक्र करते हुए अमृत काल की बात कही। उन्होंने बनारस को प्राचीन समय से ही संस्कृति, व्यापार तथा सभ्यता का शहर बताते हुए यहां के मंदिरों, घरानों तथा घाटों का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं से वर्तमान की चुनौतियों पर मजबूती से काम करने की अपेक्षा की, जिससे भविष्य को संवारा जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के पांच एजेंडों पर सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए नेशनल सोलर मिशन, नेशनल हैबिटेट मिशन, हरित ऊर्जा के सम्बन्ध में विस्तार से बात रखी। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान बड़े देशों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों से बचने का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत ने पूरे विश्व में अपनी मजबूती का एहसास दिलाते हुए सभी को सहायता प्रदान की।
केन्द्रीय मंत्री ने लेह-लद्दाख में वाई-20 सम्मेलन के आयोजन को लेकर पड़ोसी देशों द्वारा किये गये विरोध के बावजूद सफल सम्मेलन की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति हमारे भारत में मौजूद है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि ‘एक विचार लो। उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूबो दो और बाकी सभी विचारों को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।’ केन्द्रीय मंत्री ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
अनुराग सिंह ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया
इससे पूर्व, यूथ-20 (वाई-20) समिट का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। ज्ञातव्य है कि जी-20 के सदस्य देश, अतिथि देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 125 प्रतिनिधि वाई-20 द्वारा चिन्हित किए गए पांच विषयों-कार्य का भविष्य: उद्योग 4.0, नवाचार, और 21वीं सदी के कौशल, शांति स्थापना और सुलह: युद्ध रहित युग की शुरुआत, परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी: स्थिरता को जीवन का एक तरीका बनाना, साझा भविष्य: लोकतंत्र और शासन में युवा तथा स्वास्थ्य, कल्याण और खेल: युवाओं के लिए एजेण्डे विचार मंथन करेंगे। यह सम्मेलन युवाओं को नए अवसरों के बारे में जानकारी देने तथा वर्तमान विषयों पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान करेगा। साथ ही, आत्मविश्वास और आत्म सम्मान का निर्माण भी करेगा। यह भारतीय नीति निर्माताओं के साथ बातचीत करने और सुझाव देने का अवसर भी देगा। यह युवाओं को स्थानीय समस्याओं के बारे में रचनात्मक रूप से सोचने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल तथा खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।