भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह में उत्तर प्रदेश बनेगा सबसे बड़ी ताक़त

श्रावस्ती में 510 करोड़ की 53 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास


दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।श्रावस्ती की पावन धरती आज गवाह बनी उत्तर प्रदेश के बदलते चेहरे की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहाँ 510 करोड़ रुपये की लागत से बनी 53 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 233 करोड़ की 31 परियोजनाओं का लोकार्पण और 276 करोड़ से अधिक लागत की 22 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

मंच से उन्होंने लाभार्थियों को सीधे जोड़ते हुए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान, युवा स्वरोजगार योजना और कृषक दुर्घटना बीमा योजना के चेक प्रदान किए। संदेश साफ था—सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर बदलाव का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि श्रावस्ती केवल भूगोल नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का आईना है। यही वह धरती है जहाँ भगवान बुद्ध ने 24 चतुर्मास व्यतीत किए, जैन तीर्थंकरों ने तप किया और महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं को धूल चटाई। उन्होंने याद दिलाया कि 2000 वर्ष पूर्व यह नगर चन्द्रगुप्त मौर्य के समय आर्थिक गतिविधियों का केंद्र था, और आज एक बार फिर श्रावस्ती विकास की राह पर लौट रहा है।

योगी ने इस मौके पर 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर प्रदेशभर में अवकाश की घोषणा की। साथ ही पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को निर्देश दिया कि इस दिन हर मंदिर में महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण का अखंड पाठ कराया जाए। उन्होंने कहा—“रामायण केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवता और कल्याण का मार्गदर्शन है।”

विकास की योजनाओं पर बोलते हुए उन्होंने ऐलान किया कि श्रावस्ती में एयरपोर्ट निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसके पूर्ण होने पर यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। साथ ही, श्रावस्ती से अयोध्या और प्रयागराज को जोड़ने वाली 4-लेन सड़क और लखनऊ-बहराइच 4-लेन को श्रावस्ती तक लाने की योजना पर काम हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि देश में विकास और विरासत की एक नई आभा देखने को मिल रही है। उन्होंने अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर और दीपोत्सव का ज़िक्र कर कहा कि भारतीय संस्कृति जितनी मजबूत होगी, भारत उतना ही सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा।

उन्होंने चेतावनी भी दी—“आस्था अन्तःकरण का विषय है, प्रदर्शन का नहीं। आस्था के नाम पर अराजकता कतई स्वीकार नहीं होगी। त्योहारों पर माहौल बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि डबल इंजन की सरकार विरासत का सम्मान करने के साथ-साथ विकास और सुरक्षा दोनों की गारंटी है। उन्होंने बताया कि आगामी 22 वर्षों में विकसित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना के लिए 12 सेक्टर तय किए गए हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, पर्यटन और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रमुख हैं।

ग्राम पंचायतों की भूमिका पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यदि ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी तो प्रदेश भी आत्मनिर्भर होगा। इसके लिए ‘समर्थ पोर्टल’ पर सुझाव भेजने की अपील की और भरोसा दिलाया कि अच्छे सुझावों को सम्मानित भी किया जाएगा।

श्रावस्ती के विकास की यह गाथा केवल परियोजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि उस उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करती है जो भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की राह में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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