महंत दिव्यागिरी की उपस्थिति में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का आह्वान

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग पर सतर्कता और राष्ट्र निर्माण पर बल

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह, डालीगंज के गणमान्य नागरिकों और व्यापारीगणों की उपस्थिति में मनकामेश्वर मंदिर में ‘मन की बात’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस भव्य आयोजन का नेतृत्व मनकामेश्वर मंदिर न्यास की महंत और शिवभक्त दिव्यागिरी ने किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष संदेश प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में सनातन धर्म की भूमिका को बढ़ावा देना और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के संभावित दुरुपयोग से समाज को सचेत करना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इस तकनीकी युग में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग से उत्पन्न होने वाले खतरों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ‘हाउस अरेस्ट’ जैसी गंभीर परिस्थितियों का उदाहरण देते हुए कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एक सशक्त साधन है, लेकिन इसका दुरुपयोग समाज को अनपेक्षित खतरे में डाल सकता है। उन्होंने समाज को सचेत रहने और आवश्यक सुरक्षा उपायों को अपनाने का आग्रह किया।

महंत दिव्यागिरी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सनातन संस्कृति और राष्ट्र सेवा के प्रति अपनी गहरी निष्ठा का परिचय दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने महंत दिव्यागिरी की भक्ति और समाज सेवा के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, “दिव्यागिरी जी की शिवभक्ति और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनका योगदान प्रेरणादायक है। वे न केवल समाज में सनातन संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही हैं, बल्कि राष्ट्र के प्रति एक सशक्त संकल्प का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही हैं।”

मीडिया से बातचीत में दिव्यागिरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे सशक्त नेतृत्व की आज भारत को अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने समाज को जागरूक किया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। उनका यह संदेश हमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक उन्नति के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाता है।”

कार्यक्रम के अंत में शिवभक्तों ने ‘हर हर महादेव’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस आयोजन में न केवल भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति जागरूकता का भी महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत किया गया।

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