
जयंतिका डे, प्रियाक्षी पाण्डेय और वत्सला बाजपेई रहे किशोर वर्ग में अव्वल

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ, 9 दिसम्बर।
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता का दूसरा चरण 8 से 11 दिसम्बर तक संत गाडगे जी ऑडिटोरियम में जारी है। मंगलवार को किशोर वर्ग के ख्याल, तराना, ध्रुपद, धमार, ठुमरी और दादरा की प्रतिस्पर्धाएँ हुईं, जबकि बुधवार को युवा वर्ग की प्रतियोगिताएँ होंगी।
किशोर वर्ग: ख्याल–तराना, ठुमरी–दादरा और ध्रुपद–धमार में विजेता घोषित

ख्याल–तराना वर्ग में वाराणसी की जयंतिका डे प्रथम, गोरखपुर के अनुशांत मिश्रा द्वितीय और गाजियाबाद की धरा खरे तृतीय स्थान पर रहीं।
ठुमरी–दादरा में कानपुर की प्रियाक्षी पाण्डेय प्रथम, वाराणसी की जयंतिका डे द्वितीय और बरेली की अनुषा त्रिवेदी तृतीय रहीं।
ध्रुपद–धमार वर्ग में अतर्रा की वत्सला बाजपेई ने प्रथम, बांदा की वैष्णवी तिवारी ने द्वितीय और वाराणसी की जाह्नवी मिश्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विशेषज्ञ निर्णायकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ आयोजन
प्रतियोगिता अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह, निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर के मार्गदर्शन में हुई। निर्णायकों में खंडवा के रोमिल जैन, ग्रेटर नोएडा की नबनिता चौधरी और दिल्ली के पंडित राधा गोविंद दास शामिल रहे।
कार्यक्रम का संयोजन रेनू श्रीवास्तव एवं डॉ. पवन तिवारी तथा मंच संचालन राजेन्द्र विश्वकर्मा हरिहर ने किया।
प्रतियोगिता में प्रतिभाओं की दमदार प्रस्तुतियाँ
किशोर ख्याल–तराना की शुरुआत कानपुर के कुलय भारद्वाज ने राग भैरव की रचना “बिना हरि कौन” से की। दृष्टि दिव्यांग कुलय वर्ष 2023 की ठुमरी बाल-वर्ग प्रतियोगिता के विजेता रहे हैं और कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी श्रेष्ठता दिखा चुके हैं।
बरेली की अनुषा त्रिवेदी ने राग दुर्गा में “जय जय जय दुर्गे माता भवानी” प्रस्तुत कर प्रभावी छाप छोड़ी। गाजियाबाद की धरा खरे ने राग चन्द्रकौंस, आगरा के दर्शित राज सोनी ने अड़ाना, लखनऊ की आर्ना देवासकर ने पूरिया धनाश्री, वाराणसी की प्रज्ञा गुप्ता ने मालकौंस, बस्ती के रणविजय चक्रवर्ती ने मालकौंस, गोरखपुर के अनुशांत मिश्रा ने भीम पलासी और सहारनपुर के विशेष मिश्रा ने मधुवंती में रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
ठुमरी–दादरा वर्ग में विंध्याचल की हंसिका कोप्पिसेट्टी ने मिश्र खमाज में “कौन गली गयो श्याम” और जयंतिका डे ने राग मांझ की रचना “जागत बीती रैन” सुनाकर सराहना पाई।
ध्रुपद–धमार वर्ग में अतर्रा की वत्सला बाजपेई ने राग बागेश्री में “पयो महाराज” प्रस्तुत किया। बांदा की वैष्णवी तिवारी ने राग भीम पलासी तथा अयोध्या की साक्षी प्रजापति ने राग विभास में “नीलकंठ” प्रस्तुत किया। वाराणसी की जाह्नवी मिश्र ने राग मालकौंस में “महाबली हनुमान” गाकर प्रशंसा बटोरी।
प्रतिभागियों की बढ़ती संख्या—इस वर्ष जुड़े दो नए केंद्र
वर्ष 2024–25 में आयोजित प्रतियोगिता के स्वर्ण जयंती वर्ष में 18 सम्भागों के 21 केन्द्रों से लगभग 900 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इस वर्ष 2025–26 में 23 केन्द्रों से संख्या बढ़कर लगभग 1100 प्रतिभागियों तक पहुँच गई है। बढ़ते उत्साह को देखते हुए इस बार लखीमपुर और फर्रुखाबाद—ये दो नये केन्द्र जोड़े गए हैं।
