राजधानी लखनऊ में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दिव्य आरोहण

शांतिकुंज हरिद्वार की ब्रह्मवादिनी टोली के सान्निध्य में युग-परिवर्तन का उद्घोष

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ। अखिल विश्व गायत्री परिवार, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार के निर्देशन में महर्षि नगर, सेमरा गौढ़ी (निकट बेरी होटल) का समूचा क्षेत्र आज 04 दिसंबर 2025 को अद्भुत आध्यात्मिक दिव्यता से आच्छादित हो उठा। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का मंगलाचरण शांतिकुंज से पधारी ब्रह्मवादिनी टोली द्वारा वेद-मंत्रोच्चार, वैदिक विधानों तथा श्रद्धागर्भित अनुष्ठानों के साथ संपन्न हुआ। यज्ञ की आद्याहुतियों के साथ ऐसा प्रतीत हुआ मानो वातावरण में ऋतम्भरा चेतना की तरंगें प्रस्फुटित हो उठी हों, जो प्रत्येक साधक के अन्तःकरण को युग-संधि की दिशा में प्रेरित कर रही थीं।

पूजन-अभिषेक के उपरांत निकली शोभायात्रा एवं कलश यात्रा ने पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक उल्लास का महाप्रवाह प्रवाहित कर दिया। शताधिक मातृशक्ति ने अलंकारिक कलशों के साथ नगर-परिभ्रमण कर नारी-शक्ति, नारी-गरिमा और नारी-सशक्तिकरण का अविकल संदेश संप्रेषित किया। उनके कदमों की लय, कलशों का तेजोमय आभामंडल और सामूहिक घोष—इन सबने एक सौम्य, अलौकिक एवं गहन आध्यात्मिक छवि का निर्माण किया, जिससे पाठक का मन अगले अनुच्छेद के प्रति स्वभावतः आकुल हो उठता है।

युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रणीत विचार-क्रांति आंदोलन का उद्घोष मातृशक्ति द्वारा ध्वजित किया गया। ऐसा प्रतीत होता था कि वे केवल कलश नहीं, बल्कि समग्र मानवता के नैतिक-आध्यात्मिक पुनरुत्थान का संदेश वहन कर रही हों। शोभायात्रा केवल दृश्य नहीं, बल्कि अनुभूति थी—मानो जनमानस को पुकार रही हो कि “उठो, जागो और युग-परिवर्तन की साधना में संलग्न हो जाओ।”

युवाओं द्वारा आयोजित व्यसन-मुक्ति जागरूकता रैली अत्यंत मार्मिक एवं विचारोत्तेजक रही। रैली का संदेश स्पष्ट था—“नशा उन्मूलन ही चरित्र-निर्माण का प्रथम सोपान है।” युवाओं ने समाज से संयम, सत्संकल्प और स्वास्थ्यकर जीवन-पद्धति अपनाने का वंदनवार आवाह्न किया। यह अभियान यज्ञ के मूल उद्देश्यों—वातावरण-शुद्धि, मनःशुद्धि और समाज-शुद्धि—का प्रत्यक्ष प्रकटीकरण था।

प्रशंसनीय क्षण तब उदित हुआ जब वशिष्ठ बाल संस्कारशाला, प्रीतीनगर तथा मुक्ति फाउंडेशन के बालक-बालिकाओं ने अपनी निष्कलुष एवं हृदय-स्पर्शी प्रस्तुतियों से उपस्थित जनसमुदाय को मन्त्रमुग्ध कर दिया। उनके सरल शब्द, निःस्वार्थ भाव एवं जागरण की सूक्ष्म चेतना ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य की दिशाएँ उन्हीं के निर्मल हाथों में सुरक्षित हैं।

मंच संचालिका श्रीमती गीता पांडेय ने सभी श्रद्धालुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए 5 से 7 दिसंबर तक होने वाले सामूहिक जप, प्रज्ञायोग सत्र, दैनिक यज्ञ एवं सांयकालीन भजन-संध्या में उपस्थित होने का आह्वान किया। सांयकालीन भजन-संध्या में उपस्थित भक्तों ने महाविद्या गायत्री के ज्ञान-मार्ग से ओतप्रोत प्रस्तुतियों का रसास्वादन कर गहन आध्यात्मिक आनंद एवं आत्मानुभूति का अनुभव किया और स्वयं को पूर्णतः आह्लादित पाया।

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