दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ:राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने अभिनेता और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण द्वारा दिए गए वक्तव्य का प्रबल समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से सनातन बोर्ड के गठन का आह्वान किया। सिंह ने कहा कि भारत का नेतृत्व अब शरीया या इस्लामिक परिप्रेक्ष्य से नहीं, बल्कि सनातन महापरिषद के मार्गदर्शन में होना चाहिए।
उन्होंने विदेशी आक्रांताओं के चिन्हों को नकारते हुए कहा कि भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति ही समस्त धर्मों के उद्गम का मूल है। उनका मानना है कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा अत्यंत समृद्ध हैं, जो न केवल अध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी प्रमाणित हैं। वेदों, पुराणों और प्राचीन साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा कि ये ग्रंथ आधुनिक विज्ञान के सापेक्ष भी अधिक समृद्ध और प्रमाणिक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म द्वारा पोषित भारतीय संस्कृति और अध्यात्म आज के समय में केवल धार्मिक मार्गदर्शन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में एक मार्गदर्शक भूमिका निभा सकते हैं। सनातन धर्म न केवल आध्यात्मिक उत्थान का आधार है, बल्कि यह वैज्ञानिक खोजों, चिकित्सा, और सामाजिक संरचना में भी अपना योगदान देता है।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने सनातन धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए केंद्र सरकार से तुरंत एक ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग की। इस बोर्ड का उद्देश्य सनातन धर्म से जुड़ी पुरातन परंपराओं, ग्रंथों और विचारधाराओं को संरक्षित करना, साथ ही उन्हें नई पीढ़ियों तक पहुंचाना होगा।
अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा छोड़े गए चिन्हों को हटाने और भारतीय संस्कृति के वास्तविक गौरव को पुनर्स्थापित करने का समय आ गया है। उन्होंने सभी भारतीयों से इस दिशा में सहयोग करने का आग्रह किया, ताकि सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर का संरक्षण किया जा सके।