दैनिक इंडिया न्यूज,लखनऊ।होलिकोत्सव के अवसर पर आज राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदेश के संभ्रांत लोगों सहित शासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भेंट कर उन्हें होली की शुभ शुभकामनाएं, बधाईयां दीं तथा भारत की सनातन संस्कृति के वैश्विक गौरव को स्थापित करने हेतु राष्ट्रीय सनातन महासंघ द्वारा किये जा रहे सदप्रयासों से अवगत कराया।
श्री जे पी सिंह द्वारा इस अवसर पर जिन प्रमुख हस्तियों से भेंट की, उनमें महामहिम आनंदीबेन पटेल राज्यपाल, ब्रजेश पाठक उप मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, डा दिनेश शर्मा राज्य सभा सदस्य, सोनिया नित्यानंद कुलपति किंग्स जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, भारती गांधी अध्यक्ष सिटी मंटेसरी शिक्षा समूह,पवन सिंह चौहान, मुकेश शर्मा,अरूण राजभर विधान परिषद सदस्य, पंकज सिंह विधायक, नीरज बोरा विधायक आदि प्रमुख थे।
वे विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सनातनी संगठनों से भी मिलकर साथ साथ कार्य करने का प्रस्ताव रखा।
अध्यक्ष राष्ट्रीय सनातन महासंघ ने कहा होलिकादहन के साथ सनातन परम्परा अनुरूप जीवन जीने वाले विश्व का सम्पूर्ण जनमानस नव संवत्सर के स्वागत, नवरात्रि साधना और भगवान श्री राम के जन्मदिवस उत्सव में व्यस्त होता जा रहा है, जो हमारे सनातन धर्म एवं सनातन संस्कृति की दृष्टि से सौभाग्य एवं गौरव का विषय है। राष्ट्रीय सनातन महासंघ की ओर से भारत सहित विश्व भर के सभी सनातनियों को हमारी शुभ मंगलकामनायें हैं।
उन्होंने ने कहा संवत्सर उतना ही प्राचीन है, जितनी प्राचीन सृष्टि। भारतीय संवत्सर पद्धति के प्रत्येक नये वर्ष में उस वर्ष के स्वभाव, संस्कृति, संस्कार, वर्ष की व्यवहार प्रणाली समाहित रहती है। इसकी गहराई को हम तभी आत्मसात कर सकेंगे, जब संबंधित पर्वों को भी उसी सनातन अनुरूप मनाने के संकल्प जगेंगे। हमारे सनातन परम्परा अनुसार होलिकादहन पर नये अन्न को होलाग्नि में हवन करके प्रसाद लेने की परम्परा है, जो अब लुप्तप्राय होती जा रही है।
इस नवीन अन्न प्रसाद के साथ ही भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के संकल्प सहित नये वर्ष का आवाहन अर्थात नवसंवत्सर के स्वागत की तैयारी प्रारम्भ होती थी। पर काल प्रवाह वस इसमें बदलाव आते गये और समूह मन में उल्लास, सद्संकल्प, सद्भाव भरने वाला पर्वोत्सव होली ही आज विकृतियों का शिकार होता जा रहा है। रंग की जगह रासायनिक पदार्थों ने ले ली तथा प्रह्लादी भक्ति का स्थान कट्टरता, द्वेष, नफरत ने ले लिया। जिसके चलते आम जनमानस की मनोदशा से लेकर प्रकृतिमय पर्यावरण तक विकृतियों से भरते जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सनातन महासंघ इन सम्पूर्ण विकृतियों को तिरोहित करके इन्हें पुनः सनातन गरिमा से जोड़ने की दिशा में प्रयत्नशील है। सभी मिलजुलकर इस अभियान में सहभागीदार बनें, यही अपेक्षा है। पुनः होलिकोत्सव, नवसंवत्सर एवं भगवान श्रीराम जन्मदिवसोत्सव की हार्दिक बधाई, शुभकामनायें।