
नोटबंदी के 8 साल बाद भी सक्रिय था पुराने नोटों का गैंग
एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह की सतर्कता से पकड़ा गया गिरोह
दैनिक इंडिया न्यूज़,हापुड़।हापुड़ पुलिस ने शनिवार को एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए उस गिरोह को धर दबोचा, जो साल 2016 की नोटबंदी के बावजूद बंद हो चुके 500 और 1000 के नोटों के जरिए करोड़ों का खेल खेल रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर छह आरोपियों – नरेंद्र कुमार, सफीक अहमद, विकास, अनस, रामअवतार और हितेश – को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से करीब 78 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद किए।
यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई, बल्कि कई दिनों की गुप्त निगरानी, मुखबिरों से मिली जानकारी और पुलिस की रणनीतिक प्लानिंग का नतीजा थी। एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम गठित की थी। टीम ने सबसे पहले इस गैंग की गतिविधियों पर नजर रखी। मोबाइल कॉल्स, संदिग्ध मुलाकातों और पैसों के लेन-देन की गुप्त जानकारी जुटाई गई। जब पुख्ता सबूत हाथ लगे, तब पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह बात सामने आई कि आरोपी लोगों को यह भरोसा दिलाते थे कि उनके पास ऐसे ‘कनेक्शन’ हैं, जिनके जरिए पुराने नोट आज भी बदले जा सकते हैं। कमीशन के नाम पर मोटी रकम ऐंठने की फिराक में यह गैंग लंबे समय से सक्रिय था। पुलिस को शक है कि इनके तार प्रदेश के अन्य जिलों और दिल्ली-एनसीआर से भी जुड़े हो सकते हैं।
एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने तत्परता से मॉनिटरिंग करके ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया। उनकी इस मुस्तैदी ने न केवल एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया, बल्कि जनता को यह भरोसा भी दिलाया कि हापुड़ पुलिस अपराधियों पर पूरी तरह नकेल कसने में सक्षम है।
पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। पूछताछ में इस गिरोह से जुड़े और नाम सामने आने की संभावना है। एसपी ने स्पष्ट किया है कि हापुड़ पुलिस कानून के खिलाफ काम करने वाले किसी भी नेटवर्क को बख्शेगी नहीं और अपराधियों पर कार्रवाई उतनी ही सख्ती से की जाएगी जितनी इस गैंग पर की गई है।