100 टन सोना ब्रिटेन से भारत वापस आया: जानिए क्यों रखा गया था गिरवी

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,नई दिल्ली ।भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से 100 टन सोना वापस मंगवाया है, जो 1991 के आर्थिक संकट के दौरान गिरवी रखा गया था। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह सोना अब भारत में ही संग्रहित किया जाएगा और इसके भंडारण पर खर्च होने वाली राशि की बचत होगी।

1991 का आर्थिक संकट और सोने की गिरवी

1991 में भारत एक गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार इतनी कम हो गई थी कि देश मुश्किल से कुछ हफ्तों के आयात का भुगतान कर सकता था। इसी संकट से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और तत्कालीन सरकार ने विदेशों में सोना गिरवी रखने का फैसला किया। उस समय भारत ने 67 टन सोना गिरवी रखा था, जिसमें से 20 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड में रखा गया था (https://www.newsnationtv.com/business/economy/reserve-bank-of-india-brought-100-tons-gold-from-britain-470446.html) (https://en.wikipedia.org/wiki/1991_Indian_economic_crisis)।

कारण और प्रक्रिया

इस कदम का मुख्य कारण था कि विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाया जा सके और आयात के लिए जरूरी विदेशी मुद्रा उपलब्ध कराई जा सके। सोना गिरवी रखने से भारत को विदेशी मुद्रा में कर्ज मिला, जिससे देश की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ और तत्काल संकट से निपटा जा सका (https://en.wikipedia.org/wiki/1991_Indian_economic_crisis)।

सोना वापस क्यों लाया गया?

हाल ही में भारत ने यह सोना वापस लाने का फैसला किया ताकि इसके भंडारण पर हो रही लागत की बचत की जा सके। बैंक ऑफ इंग्लैंड में सोना रखने पर भारत को एक निश्चित रकम चुकानी पड़ती थी, जो अब बचाई जा सकेगी। इसके अलावा, भारत का ज्यादातर सोना विदेशों में जमा था, जिसे वापस लाना जरूरी हो गया था ताकि देश के भीतर इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके (https://www.newsnationtv.com/business/economy/reserve-bank-of-india-brought-100-tons-gold-from-britain-470446.html)।

भारत का सोना भंडार

मार्च 2024 के अंत तक भारतीय रिजर्व बैंक के पास 822.1 टन सोना था, जिसमें से 412.8 टन सोना विदेशों में संग्रहीत था। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तेजी से सोने की खरीदारी बढ़ाई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने कुल 27.5 टन सोना खरीदा (https://www.newsnationtv.com/business/economy/reserve-bank-of-india-brought-100-tons-gold-from-britain-470446.html)।

आर्थिक सुधार और भविष्य

1991 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सुधार किए गए, जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देने, उद्योग नीति को सरल बनाने और आर्थिक उदारीकरण के उपाय शामिल हैं। इन सुधारों के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास किया और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति मजबूत की (https://en.wikipedia.org/wiki/1991_Indian_economic_crisis)।

सोना वापस लाने का फैसला न केवल भंडारण लागत को बचाने में मदद करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और सुरक्षा भी प्रदान करेगा। यह कदम उस समय की याद दिलाता है जब भारत को आर्थिक संकट से उबरने के लिए अपने सोने को गिरवी रखना पड़ा था। वर्तमान में, इस सोने की वापसी भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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