राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने की दोषियों को फांसी की मांग
दैनिक इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली ।आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी और फिश ऑयल मिलने का खुलासा सनातनी समाज में उबाल ला रहा है। इस चौंकाने वाले घटनाक्रम पर राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने इसे सनातनियों के खिलाफ एक गहरा षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने इसे धर्म भ्रष्ट करने की साजिश बताते हुए दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “अगर यह सूचना सत्य है कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया है, तो यह बहुत बड़ा अपराध है। यह निश्चित रूप से सनातनियों के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र है। इससे हमारे धर्म को दूषित करने की कोशिश की जा रही है, और इसके लिए सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।”
उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले में तुरंत कड़ी कार्रवाई करने की अपील की और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। जितेंद्र प्रताप सिंह ने आगे कहा, “यह सुनकर मन अत्यधिक दुखी है कि भगवान के प्रसाद में चर्बी का इस्तेमाल किया गया। यह सनातनी धर्म का अपमान है, और इस तरह के कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
मंदिरों के प्रशासन पर उठाए सवाल
जितेंद्र प्रताप सिंह ने हिंदू मंदिरों के प्रशासन को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि हिंदू मंदिरों का नियंत्रण सनातनियों के हाथ में होना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह मंदिरों को हिंदू बोर्ड के अधीन करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और सनातनियों की आस्था को ठेस न पहुंचे।”
एनडीडीबी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बता दें कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की एक रिपोर्ट में तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में चर्बी और फिश ऑयल का इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई है। यह घी, जिससे लड्डू तैयार किए जाते हैं, उसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला हुआ पाया गया है। इस खुलासे के बाद सनातन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है, और लोग दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर सभी सनातनियों को सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है कि किस तरह सनातनी समाज को निशाना बनाया जा रहा है। “अब समय आ गया है कि हम सभी एकजुट होकर अपने धर्म और आस्था की रक्षा करें। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए हमें अपने तीर्थ स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा,” उन्होंने कहा।
सिंह ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए मंदिरों का प्रशासन सनातनी बोर्ड का गठन कर बोर्ड के अधीन होना चाहिए। “जब तक हमारे धार्मिक स्थलों का नियंत्रण हमारे हाथों में नहीं होगा, इस प्रकार के षड्यंत्र होते रहेंगे। यह हमारा अधिकार है कि हम अपने मंदिरों की सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित करें,” उन्होंने कहा।
इस घटना ने तिरुपति मंदिर की प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचाया है, और सनातनी समाज इस मामले पर गहरी नजर बनाए हुए है। अब यह देखना बाकी है कि आंध्र प्रदेश सरकार और संबंधित प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।