दैनिक इंडिया न्यूज
द्वारका और शारदा ज्योतिष्पीठ के ंशंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का 99 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। उन्होंने मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ़ में अंतिम सांस ली।
उनके निधन से प्रयागराज में उनके भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वरूपानंद महाराज का प्रयागराज से गहरा नाता था। वह जब भी प्रयागराज आते थे तो मनकामेश्वर मंदिर पर प्रवास करते थे।
द्वारिका एवं शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन पर तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धांजलि सभा रखी। अनंत विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर प्राप्त होते ही तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने अंकुश शर्मा के अगुवाई में महाराज श्री के चरणों में श्रद्धासुमन के पुष्प अर्पित करते हुए शोक व्यक्त किया है।
अंकुश शर्मा ने कहा की सनातन धर्म का सूर्य अस्त स्वतन्त्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही, रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष, पाखंडवाद के प्रबल विरोधी रहे थे। महाराज जी के ब्रह्मलीन होना भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति की अपूरणीय क्षति बताया।
श्री हरि विष्णु उनके अनुयायियों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें तीर्थ पुरोहित हेमंत पांडे ने कहा कि महाराज जी के ब्रह्मलीन होने की खबर से हम तीर्थ पुरोहित समाज के लोग स्तब्ध हैं श्रद्धांजलि सभा में राजीव भारद्वाज शांतनु शर्मा अवधेश शर्मा शुभम वैध शुभम शुक्ला देव भारद्वाज अनंत पांडे पीकू मिश्रा कुशल पांडे आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीजी निधन पर प्रयाग धर्म संघ, प्रयागराज की एक आपात बैठक त्रिवेणी तट पर तबेलिया धाट पर संपन्न हुई, जिसमे वक्ताओ ने जगतगुरू स्वामी स्वरूपा नंद सरस्वती के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। कहा देश के संत समाज का एक स्तंभ चला गया। एक पथ प्रदर्शक अब हमारे बीच नहीं रहे।
शोक सभा मे पं सुभाष पांडेय, राजेंद्र पालीवाल, राजेश तिवारी, संतोष भारद्वाज, अमरनाथ तिवारी,गोपाल मिश्र, दिनकर पांडेय, अनुज तिवारी, उदय नारायण पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, आशुतोष पालीवाल, प्रदीप पांडेय, निम॔ल शर्मा, स्वप्निल शर्मा, सुधीर शर्मा, नरेंद्र शर्मा, चंकी तिवारी, रवि मिश्र, माधव शर्मा, उपेन्द्र शर्मा, विष्णु शर्मा, राम बिहारी शुक्ला, त्रिवेणी प्रसाद मिश्र, सिद्धार्थ पांडेय, पशुपति तिवारी, आदित्य शर्मा, सहित अनेको तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।