
22 की नौकरी गई, अब वेतन की वसूली और एफआईआर दर्ज करने के आदेश
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई
दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ।उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। आज़मगढ़ मंडल सहित कई जिलों में 22 सहायक अध्यापकों की नौकरी तत्काल समाप्त कर दी गई है। विभाग ने आदेश दिया है कि इन सभी से अब तक दिया गया वेतन वापस वसूला जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
काउंसिलिंग में खुला खेल
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) के आदेश पर स्नातक चेतनकम में पुरुष व महिला संवर्ग के रिक्त पदों पर सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। चयन प्रक्रिया शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर मेरिट बनाकर हुई। दस्तावेज़ों के सत्यापन के दौरान विभागीय जांच में 22 अभ्यर्थियों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।
इन नामों से खुला फर्जीवाड़ा
फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी पाने वालों की सूची में कई जिलों के नाम शामिल हैं—
विनय कुमार यादव (गणित/विज्ञान, मऊ)
पवन कुमार (जीवविज्ञान, बाराबंकी)
अतुल प्रकाश वर्मा (अंग्रेजी, बाराबंकी)
अंकित वर्मा (गणित/विज्ञान, बाराबंकी)
लक्ष्मी देवी (हिंदी, बाराबंकी)
विवेक सिंह (जीवविज्ञान, मऊ)
रोहिणी शर्मा (अंग्रेजी, लखनऊ)
अमित गिरि (सामान्य विषय, बुलंदशहर)
रूचि सिंघल (अंग्रेजी, सहारनपुर)
प्रियंका (गृह विज्ञान, बाराबंकी)
नूतन सिंह (अंग्रेजी, कानपुर देहात)
दीपा सिंह (हिंदी, मीरजापुर)
अनीता रानी (हिंदी, मऊ)
प्रीति सिंह (अंग्रेजी, आज़मगढ़)
नंदिनी (गृह विज्ञान, जौनपुर)
आनंद सोनी (अंग्रेजी, बाराबंकी)
गीता (हिंदी, आज़मगढ़)
सलोनी अरोरा (अंग्रेजी, बाराबंकी)
किरन मौर्या (सामान्य विषय, बलिया)
रूमन विश्वकर्मा (सामान्य विषय, आज़मगढ़)
सरिता मौर्या (सामान्य विषय, बलिया)
विभाग का साफ संदेश – बख्शा नहीं जाएगा
शिक्षा विभाग ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि इनकी सेवाएं तुरंत समाप्त की जाएं और अनियमित रूप से दिए गए वेतन की वसूली सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही पुलिस में एफआईआर दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है।
भविष्य से खिलवाड़ पर उठे सवाल
फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे शिक्षक बनकर नौकरी करने वालों ने न केवल सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुँचाया, बल्कि छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ किया। अब विभागीय सख्ती से यह संदेश साफ है कि शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।