अयोध्या में सम्पन्न हुआ “शत्रुघ्नताई यज्ञ”, संतों और धर्माचार्यों ने दी आहुतियां

भारत के शत्रुओं और आतंकवाद के समूल नाश की कामना के साथ सम्पन्न हुआ अद्भुत वैदिक अनुष्ठान

हनुमान जी से प्रार्थना — भारत का पराक्रम हो अजेय, राष्ट्र गौरव को मिले वैश्विक पहचान

दैनिक इंडिया न्यूज,अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में सर्व शत्रु संहारणाय के संकल्प के साथ “शत्रुघ्नताई यज्ञ” का आयोजन अत्यंत भव्य और आध्यात्मिक वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस महायज्ञ का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता, आतंकवाद के समूल नाश और शत्रु शक्तियों के विनाश के लिए जन-चेतना का जागरण था।

यह दिव्य आयोजन महान संत, तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य जी महाराज के सान्निध्य और नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। उनके निर्देशन में देशभर से पधारे संतों, वेदाचार्यों और धर्मगुरुओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां अर्पित कीं और यज्ञ को पूर्ण विधि-विधान से सम्पन्न किया।

इस यज्ञ की विशेष जानकारी अंतरराष्ट्रीय धर्माचार्य आचार्य देव मुरारी बापू द्वारा दैनिक इंडिया न्यूज़ को दी गई। उन्होंने बताया कि यह यज्ञ भारत के विरुद्ध खड़ी होने वाली समस्त विध्वंसक शक्तियों के विनाश और राष्ट्र की रक्षा हेतु आध्यात्मिक ऊर्जा के जागरण का माध्यम है।

यज्ञ में डॉ. देवेशाचार्य सहित अनेक प्रतिष्ठित संतों की उपस्थिति रही। सभी ने प्रभु श्रीराम और हनुमान जी से प्रार्थना की कि भारत सुरक्षित, समृद्ध और धर्मनिष्ठ बने और उसका पराक्रम विश्व पटल पर उज्ज्वल रूप में स्थापित हो।

यज्ञ के सफल समापन के उपरांत राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह ने समस्त संत समुदाय, आयोजकों और देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा,
“यह यज्ञ मात्र धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का जागरण है। भारत को आतंकवाद और शत्रु शक्तियों से मुक्त कराने की दिशा में यह एक प्रभावशाली आध्यात्मिक प्रयास है।”

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