दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। दिल्ली सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं (नर्सरी से कक्षा 5 तक) को बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की घोषणा की है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय ने 23 नवंबर तक सभी कक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
यह कदम ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत उठाया गया है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर “गंभीर” श्रेणी में है, जिससे बच्चों, बृद्ध और युवाओं के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ गया है।
महत्वपूर्ण निर्णय और अन्य कदम:
निर्माण और तोड़-फोड़ कार्यों पर रोक।
दिल्ली मेट्रो द्वारा अतिरिक्त ट्रिप की शुरुआत।
सड़कों की यांत्रिक सफाई और पानी का छिड़काव बढ़ाना।
BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध।
हालांकि, इस निर्णय के बावजूद यह एक बड़ी विडंबना है कि केवल नर्सरी से कक्षा 5 तक की पढ़ाई बंद की गई है और 6 से 12वीं तक की कक्षाएं पूर्ववत चल रही हैं। इस असमानता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली शिक्षा विभाग को इस मुद्दे पर ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर विचार करने और दीर्घकालिक समाधान निकालने की आवश्यकता है। ऐसे कदमों से ही वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा हो सकती है।
स्थिति सामान्य होने पर स्कूल और कॉलेज दोबारा खोले जाएंगे।