दैनिक इंडिया न्यूज़, 9 अक्टूबर 2024, लखनऊ – उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और संस्कृति विभाग के तत्वावधान में आज महान गायिका और पद्मश्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित मल्लिका-ए-ग़ज़ल बेगम अख़्तर के जन्म दिवस के अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक शोभित कुमार नाहर ने बेगम अख़्तर की मजार पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके अमूल्य योगदान को याद किया।
बेगम अख़्तर, जिनका नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत और ग़ज़ल गायकी में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है, ने ग़ज़ल को एक नई पहचान दिलाई। उनके संगीत ने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी। इस समारोह के माध्यम से अकादमी ने उनकी अद्वितीय संगीत साधना और शैली को एक बार फिर नमन किया।
जयंत खोत ने व्यक्त की श्रद्धा
अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत ने इस अवसर पर कहा, “बेगम अख़्तर भारतीय संगीत की एक धरोहर हैं। उनकी ग़ज़ल गायकी में जो गहराई और संवेदनशीलता थी, वह हर संगीत प्रेमी के दिल को छूती है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे महान कलाकारों की याद को सजीव रखें और अगली पीढ़ियों तक उनके योगदान को पहुंचाएं।”
विभा सिंह का विशेष उल्लेख
अकादमी की उपाध्यक्ष विभा सिंह ने बेगम अख़्तर की गायकी पर प्रकाश डालते हुए कहा, “बेगम अख़्तर की आवाज़ में जो दर्द और मिठास थी, वह अद्वितीय है। उन्होंने ग़ज़ल गायकी को जो ऊँचाइयाँ दीं, वह प्रेरणादायक है। आज हम सब उनके समर्पण और संगीत के प्रति उनकी साधना को सम्मानित कर रहे हैं।”
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और संस्कृति विभाग की इस पहल की व्यापक सराहना की जा रही है। जयंत खोत व विभा सिंह की नेतृत्व क्षमता और उनके प्रयास राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे नई ऊँचाइयाँ देने के प्रति समर्पित हैं। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि अकादमी संगीत और कला को न केवल जीवित रख रही है, बल्कि उसे भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने का भी संकल्प कर रही है।
इस आयोजन से यह स्पष्ट हो गया है कि बेगम अख़्तर जैसी महान कलाकार सदियों तक अपने संगीत के माध्यम से जीवित रहेंगी, और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी उनके इस अमूल्य योगदान को सदैव सम्मानपूर्वक याद करती रहेगी।