CM योगी ने कहा महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत के सपने को बताया समाधान
- लखनऊ: स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और विभाजन की त्रासदी पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत के सपने को समाधान बताते हुए कहा कि विभाजन का दंश आज भी देश झेल रहा है।
- लखनऊ: मुख्यमंत्री ने लखनऊ में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विभाजन की विभीषिका पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक नेतृत्व ने दृढ़ता दिखाई होती, तो अप्राकृतिक विभाजन को रोका जा सकता था। महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत के सपने को उन्होंने इस समस्या का समाधान बताया।
- लखनऊ: विभाजन की त्रासदी पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन ने देश को गहरे जख्म दिए हैं, जिनका असर आज भी आतंकवाद और उग्रवाद के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत के विचार को इस समस्या का समाधान बताया।
बिस्तार
15 अगस्त 2024 लखनऊ ।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़कर विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का कार्य किया। जब आजादी की लड़ाई अपने अंतिम चरण में थी, तब विभाजन की त्रासदी ने देश को गहरे जख्म दिए। कुछ लोगों के स्वार्थ के कारण देश को विभाजन का दंश झेलना पड़ा, जिससे स्वाधीन भारत को एक ऐसा नासूर मिला, जो आज भी आतंकवाद, उग्रवाद, और अलगाववाद के रूप में हमें लगातार पीड़ा दे रहा है। अगर उस समय राजनीतिक नेतृत्व ने दृढ़ता दिखाई होती, तो दुनिया की कोई ताकत इस अप्राकृतिक विभाजन को साकार नहीं कर पाती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन की त्रासदी और इससे जुड़ी क्रूर घटनाएं मानवीय अत्याचार का प्रमाण हैं। लाखों लोगों को अपनी पुरखों की जमीन और परिवारों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। विभाजन से पीड़ित लोगों ने अनगिनत यातनाएं सहीं। उन्होंने कहा कि 1947 में जो दृश्य देखा गया, वही आज बांग्लादेश में देखने को मिल रहा है। लगभग डेढ़ करोड़ हिंदू अपनी अस्मिता को बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। इस परिस्थिति में सभी को मिलकर मानवता की रक्षा के प्रयास करने होंगे। हमारी संवेदनाएं उन पीड़ित लोगों के साथ हैं, जो बांग्लादेश में अत्याचार का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजहबी उन्माद से दुनिया को बचाने की आवश्यकता है, और इसे एकता के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि अरविन्द का अखण्ड भारत का सपना इस समस्या का समाधान हो सकता है। महर्षि अरविन्द ने कहा था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान कोई वास्तविकता नहीं है; या तो उसका भारत में विलय होगा या वह इतिहास से हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नश्वरता को हमें संदेह की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। हमें यह मानना चाहिए कि ऐसा होगा, लेकिन इसके लिए हमें अपनी गलतियों का परिमार्जन करना होगा। उन्हीं गलतियों के कारण विदेशी आक्रांताओं को भारत के अंदर घुसने का अवसर मिला, जिसके परिणामस्वरूप विभाजन की त्रासदी हुई। जातीय, क्षेत्रीय, और भाषायी विभाजन से उबरकर हमें राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने भारत के लोकतंत्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। जितनी स्वतंत्रता भारत ने अपने नागरिकों को दी है, उतनी किसी भी अन्य देश ने नहीं दी है। हमें अपने संविधान पर गर्व की अनुभूति करनी चाहिए और इसके निर्माताओं के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करना चाहिए। सरदार वल्लभभाई पटेल की दृढ़ता और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इनके योगदान को नमन करना चाहिए। महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत की भविष्यवाणी को साकार करने की दिशा में हमें आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पिछले दस वर्षों की प्रगति ने दुनिया को अचंभित और आकर्षित किया है। दुनिया अब भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाना हमारा लक्ष्य है। भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले तीन वर्षों में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री के पंच प्रणों में नागरिक कर्तव्यों का पालन सबसे महत्वपूर्ण है। जब राष्ट्र प्रथम का भाव हमारे जीवन का संकल्प बनेगा, तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विभाजन की त्रासदी से प्रभावित और विस्थापित परिवारों के तीन सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही, विभाजन की विभीषिका पर आधारित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।