अभ्युदय की सार्थकता सरकार की योजनाओं के साथ जुड़कर कार्य करना : CM योगी

सी. एम. योगी : “कोरोना संकट से अभ्युदय ने हमें उबारा”

CM योगी ने 118 चयनित अभ्यर्थियों को किया सम्मानित

ऐश्वर्य उपाध्याय दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ :

CM योगी ने शुक्रवार को “मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना” के अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किया कि अभ्युदय की सार्थकता सरकार की योजनाओं के साथ जुड़कर कार्य करने में ही है। उन्होंने यह बताया कि अयोग्य लोग कभी नहीं होते, सिर्फ एक योग्य योजक की आवश्यकता होती है। प्रदेश के अभ्युदय कोचिंग संस्थान उस योजक के रूप में कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि इस कोचिंग संस्थान में नवचयनित आईएएस, पीसीएस, पीपीएस, आईआईटी-जेईई और नीट में सफलता प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों को एक मंडलायुक्त द्वारा गठित कमेटी के नेतृत्व में जुड़कर अध्ययन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अभ्युदय योजना के तहत पिछले दो वर्षों में 118 अभ्यर्थियों को नि:शुल्क कोचिंग से चयनित किया और सम्मानित किया। इनमें से 23 छात्र संघ लोक सेवा आयोग में और 95 छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में चयनित हुए। सीएम योगी ने बताया कि यूपीएससी में 23 छात्रों का चयन और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में 100 से अधिक सफलता अभ्युदय की प्रतिष्ठा का प्रमाण है।

योगी ने लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि कोविड कालखंड में बसंत पंचमी के दिन शुरू हुए अभ्युदय कोचिंग संस्थान आज अच्छे परिणाम दिखा रहा है। हमारी सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों को भी इस कोचिंग से जोड़ा है। इस कोचिंग संस्थान में फिजिकली और वर्चुअल दोनों तरह की कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी 75 जनपदों में संचालित इन कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है। आज टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है, हम एक जगह बैठकर प्रदेश के सभी 75 जनपदों से जुड़ सकते हैं और विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन अपने छात्रों को पहुंचा सकते हैं।

जनजातीय बच्चे एकलव्य विद्यालयों से भी सफल हो रहे

मुख्यमंत्री ने बताया कि 1998 से 2020 तक समाज कल्याण विभाग द्वारा कोचिंग सेवा चलाई जाती रही है। इस सेवा के माध्यम से केवल 3-4 छात्रों का ही चयन हो पाता था। सरकार द्वारा शुरू की गई इस नि:शुल्क कोचिंग सेवा के जरिए संघ लोक सेवा आयोग में 23 और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 95 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे एकलव्य विद्यालयों से जुड़े छात्रों का चयन जनजातीय क्षेत्रों में आईआईटी-जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहा है। हमें प्रदेश के सभी छात्रों को एक समान अवसर और मंच प्रदान करने की जरूरत है ताकि हम बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर के समानता के सपने को पूरा कर सकें।

योगी ने बताया कि पिछले छह वर्षों के दौरान समाज कल्याण विभाग ने कई सृजनात्मक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया है। 2015-16 में, अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति को अज्ञात कारणों से रोक दिया गया था। हमारी सरकार ने इस समस्या का समाधान करने के लिए तत्परता से बजट आवंटित किया और 2015-16 और 2016-17 में छात्रवृत्ति को छात्रों को प्रदान की गई। हमारी सरकार ने निर्धारित किया है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को वर्ष में दो बार (26 जनवरी और दो अक्टूबर) छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा पहले से ही गरीब कन्याओं के विवाह के लिए कार्यक्रम चल रहे हैं, साथ ही हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी शुरू की है। इस योजना के माध्यम से दो लाख से अधिक गरीब कन्याओं का विवाह संपन्न हो चुका है।

छात्रों का चयन जनजातीय क्षेत्रों के विद्यालयों से हुआ

उन्होंने कहा कि किसी को अयोग्य नहीं माना
जाना चाहिए, वरन् केवल एक योग्य निर्धारक की आवश्यकता होती है। अभ्युदय योजना में विषयविशेषज्ञ, आईएएस और आपकी क्षमता से सहायता मिलती है, जबकि अन्य छात्र उस दिशा में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जनजातीय क्षेत्रों के विद्यालयों से NEET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों का चयन हो रहा है और वे सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

शुरुआत हुई थी कोरोना काल में….

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के संकट के दौरान जो चुनौतियां आई, उनसे हमने सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस योजना को अभ्युदय का नाम दिया है। उन्होंने बताया कि इस अभ्युदय कोचिंग योजना ने सिर्फ दो वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपने परिणामों को साबित किया है। इसका परिणाम सबके सामने है।

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