जनपद हरदोई के ग्राम पंचायत भदेवरा में स्थित माइनर नहर, जिसे स्थानीय लोग छोटी नहर के नाम से जानते हैं, अब गंभीर संकट का कारण बन रही है। खेतों की सिंचाई के लिए बनाई गई इस नहर की गहराई और बांध की सीमा निर्धारित होने के बावजूद, इरिगेशन विभाग की लापरवाही और कुछ स्थानीय लोगों की गैरजिम्मेदार हरकतों ने स्थिति को और अधिक खतरनाक बना दिया है।
सूत्रों के अनुसार, माइनर नहर से मिट्टी निकालकर इसे निजी प्लांटों में भराव के रूप में इस्तेमाल करने वाले लोगों ने नहर की संरचना को कमजोर कर दिया है। इस कारण नहर में पानी का स्तर असामान्य रूप से बढ़ गया है, जिससे आसपास के गांवों के बच्चों और जानवरों के लिए जान का खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर नहर की गहराई और पानी की मात्रा पर सही नियंत्रण नहीं रखा गया तो दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर इस नहर को पुनः चालू करके भूमिगत जल स्तर सुरक्षित करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ आपराधिक मानसिकता के लोग इन प्रयासों को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि इन षड्यंत्रकारियों पर कार्रवाई कौन करेगा और कब तक ग्रामीण इस खतरे का सामना करते रहेंगे?
ग्रामीणों ने प्रशासन और संबंधित विभागों से मांग की है कि भदेवरा की माइनर नहर की सुरक्षा और रखरखाव को प्राथमिकता दी जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके।