
ग्राहक से कहा– “दो समोसे खरीदने की औकात नहीं, तो चटनी नहीं मिलेगी”
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट और व्यापार मंडल की मिलीभगत से बेलगाम हो रहे दुकानदार
दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ, गुलाचीन मंदिर क्षेत्र।
शहर की प्रसिद्ध गुलाचीन मंदिर के पास स्थित गणपति स्वीट्स एक बार फिर विवादों में है। मंगलवार को एक स्थानीय व्यक्ति जब ₹15 में एक समोसा खरीदने पहुंचा, तो उसने सामान्य रूप से चटनी की मांग की। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि वहां मौजूद सेल्समेन ने बेहद अभद्र और अपमानजनक लहजे में कहा,
“जिसको दो समोसे खरीदने की औकात नहीं, उसे चटनी नहीं मिलती!”
इस तरह की भाषा न सिर्फ ग्राहक की गरिमा को ठेस पहुँचाती है, बल्कि यह दुकान की मानसिकता और कर्मचारी प्रशिक्षण की भी पोल खोलती है। यह घटना किसी एक व्यक्ति की नहीं है—बीते समय में कई ग्राहक इस दुकान की गंदी भाषा, गंदे माहौल और दुर्व्यवहार की शिकायत कर चुके हैं।
व्यवस्था भी बेहाल, स्वच्छता से समझौता
गणपति स्वीट्स में न तो साफ-सफाई का स्तर ठीक है, न ही स्टाफ की वेशभूषा या व्यवहार। ग्राहक सेवा तो जैसे प्राथमिकता में ही नहीं है। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की निष्क्रियता ने ऐसे दुकानदारों को बेलगाम कर दिया है, जो बिना किसी मानक के खानपान सामग्री बेच रहे हैं। जब कोई ग्राहक सवाल करता है, तो जवाब में उसे ताने और अपमान दिए जाते हैं।
व्यापार मंडल बना सुरक्षा कवच?
अक्सर देखा गया है कि जब भी इस प्रकार के दुकानदारों के खिलाफ कोई आवाज़ उठती है, तो व्यापार मंडल तुरन्त ढाल बनकर खड़ा हो जाता है। चाहे मामला उपभोक्ता की गरिमा का हो या खाद्य सुरक्षा का—व्यापार मंडल का रवैया इस तरह के व्यवहार को बढ़ावा देता है। सवाल यह उठता है कि क्या व्यापार मंडल अब जनता के विरुद्ध खड़ा संगठन बनता जा रहा है?
जनता से अपील: ऐसे दुकानों का सामाजिक बहिष्कार करें
अगर जनता एकजुट होकर ऐसे अभद्र दुकानों का बहिष्कार करे तो इनका घमंड जल्द ही ज़मीन पर आ जाएगा। यह बेहद जरूरी है कि हम ऐसे दुकानों से कोई भी सामान न खरीदें जो ग्राहक को ‘औकात’ के तराज़ू से तोलते हैं। हमारी चुप्पी ही इनकी ताक़त है—अब वक्त है कि आवाज़ उठाई जाए।
चेतावनी: गणपति स्वीट्स, शिवाजी प्रतिमा के पास, पंचमुखी हनुमान मंदिर क्षेत्र – ग्राहक सम्मान और स्वच्छता के मानकों में फेल।