
दैनिक इंडिया न्यूज़, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)।
गुरुवार को गोरखपुर के जैमिनी गार्डेनिया अपार्टमेंट में एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान भूकंप और शॉर्ट सर्किट जैसी आपदाओं से निपटने की तकनीकें प्रदर्शित की गईं। फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने दिखाया कि आपदा के समय इमारतों में फंसे लोगों को किस प्रकार सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है।

इस ड्रिल का संचालन आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने किया। एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन और उपकमांडेंट कुलदीप सिंह के दिशा-निर्देश में इसका आयोजन हुआ। पूरी व्यवस्था निरीक्षक सुधीर कुमार ने संभाली। सुबह 11:30 बजे यह मानकर अभ्यास शुरू किया गया कि जिले में भूकंप के तेज झटके आए हैं और अपार्टमेंट के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके बाद निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
एनडीआरएफ का लाइव रेस्क्यू प्रदर्शन

टीम ने सातवें और आठवें मंजिल पर फंसे लोगों को रस्सियों और आधुनिक उपकरणों की मदद से बाहर निकालने की तकनीक प्रदर्शित की। अत्याधुनिक कटर मशीनों के जरिए मलबा हटाकर बचाव कार्य दिखाया गया। साथ ही अपार्टमेंट के निवासियों को प्राथमिक उपचार के सरल उपाय भी सिखाए गए।
इस अभ्यास का सबसे प्रेरणादायक दृश्य तब देखने को मिला जब एनडीआरएफ की महिला रेस्क्यूरर ने आठवीं मंजिल पर फंसी एक नवजात बच्ची को रोप रेस्क्यू द्वारा सुरक्षित नीचे उतारा। इस दृश्य ने उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया और सबने तालियों से उनका उत्साह बढ़ाया। यह प्रदर्शन न केवल साहस का उदाहरण था, बल्कि इस संदेश को भी मजबूत करता है कि महिलाएं भी किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में अग्रिम पंक्ति में खड़ी हो सकती हैं।
कई विभागों की रही अहम भूमिका
इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड, पशु चिकित्सा विभाग और अग्निशमन विभाग ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में डिप्टी कंट्रोलर नागरिक सुरक्षा सत्यप्रकाश सिंह, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवकुमार बर्मा, एसडीआरएफ टीम कमांडर अरविंद कुमार, सहायक उपनियंत्रक नीरज श्रीवास्तव, निरीक्षक वेद प्रकाश और निरीक्षक अनिल तिवारी समेत होमगार्ड और आपदा मित्रों की टीम मौजूद रही।
इस अवसर पर गार्डेनिया अपार्टमेंट में रहने वाले 100 से अधिक निवासी, जिनमें महिलाएं और पुरुष शामिल थे, उपस्थित रहे और उन्होंने इस अभ्यास को नजदीक से देखा।
यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह संदेश भी था कि आपदा कभी भी आ सकती है, लेकिन सतर्कता, प्रशिक्षण और टीमवर्क से किसी भी संकट का सामना किया जा सकता है।गोरखपुर में आयोजित यह अभियान न केवल आपदा प्रबंधन की तैयारियों को दर्शाता है, बल्कि नागरिकों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।