लखनऊ में गूंजे भजन और ग़ज़ल के स्वर, युवा प्रतिभाओं ने दिखाई कला की नई दिशा

51वीं संभागीय शास्त्रीय एवं सुगम संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की दमदार प्रस्तुति

निर्णायकों की टिप्स से निखरी नई पीढ़ी की रचनात्मकता

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी (संस्कृति विभाग) के संत गाडगे जी महाराज सभागार में आयोजित 51वीं संभागीय शास्त्रीय एवं सुगम संगीत प्रतियोगिता 2025–26 में लखनऊ संभाग की प्रतिभाओं ने अपने स्वर से ऐसा जादू बुना कि सभागार तालियों से गूंज उठा।

तीन दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन सुगम संगीत के अंतर्गत भजन और ग़ज़ल की प्रतियोगिताएं हुईं। प्रतियोगिता का शुभारंभ एवं निर्णायक मंडल का स्वागत अकादमी अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत ने किया। निर्णायक मंडल में प्रयागराज से डॉ. आकांक्षा पाल और लखनऊ से देवेश चतुर्वेदी शामिल रहे, जिन्होंने प्रतियोगियों को प्रस्तुति में निखार लाने हेतु विशेष सुझाव दिए।

भजन प्रतियोगिता में बाल वर्ग में दृष्टि पाण्डेय ने प्रथम स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। दक्षा गुप्ता ने दूसरा, जबकि समृद्धि चंद्रा और दर्श दीक्षित ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान पाया। किशोर वर्ग में आकर्ष सिंह सोमवंशी ने प्रथम, आरना देवासकर व अमन जावेद फारूखी ने संयुक्त रूप से द्वितीय और सहज प्रीत कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। युवा वर्ग में प्रियंका श्रीवास्तव ने प्रथम स्थान पर कब्जा जमाया, रोहित शर्मा दूसरे और रत्ना चतुर्वेदी व सारा ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।

ग़ज़ल में भी प्रतिभागियों ने कमाल दिखाया। बाल वर्ग में दृष्टि पाण्डेय, किशोर वर्ग में अमन जावेद फारूखी, जबकि युवा वर्ग में अंकुश निर्मल प्रथम स्थान पर रहे। रोहित शर्मा को युवा वर्ग में दूसरा स्थान मिला।

प्रतियोगिता का संयोजन रेनू श्रीवास्तव ने किया, जिसमें डॉ. पवन कुमार और सुनील यादव ने सहयोग दिया। मंच संचालन डॉ. सुनील द्वारा किया गया। यह प्रतियोगिता साबित करती है कि नई पीढ़ी केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी देश का भविष्य रोशन करने को तैयार है। निर्णायकों की सटीक टिप्स और प्रतिभागियों का आत्मविश्वास यह दर्शाता है कि संगीत सिर्फ कला नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा को जोड़ने वाला माध्यम है।

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