दैनिक इंडिया न्यूज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लोक भवन में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अमृत कौशल विकास योजना-सुरक्षार्थ, सुरक्षा गार्ड प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सान्निध्य में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की पहल पर अमृत कौशल विकास योजना-सुरक्षार्थ के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए अपने आपको सशक्त, सामर्थ्यवान बनाने के साथ स्वावलम्बी बनाने के नये द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा कि हमारी ऋषि परम्परा के अनुसार ‘अयोग्यो पुरुषो नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः’ अर्थात कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं है, यदि कोई अच्छा योजक मिल जाए तो हर व्यक्ति अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकता है। अमृत कौशल विकास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 07 जनपदों के 805 युवाओं ने सुरक्षा गार्ड, प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम पूर्ण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के प्रयासों से देश आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा में निरन्तर मजबूत हो रहा है। देश में पहली बार राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत शोध कार्य तथा समाज की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न प्रशिक्षण कोर्स चलाये जा रहे हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा निजी सुरक्षा गार्डाें को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इससे निजी प्रतिष्ठानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, शिक्षण संस्थानों इत्यादि की सुरक्षा मजबूत होगी और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी प्राप्त हो सकेगा। इस प्रकार, पहली बार निजी सुरक्षा एजेंसियों/कम्पनियों को अपने सुरक्षा कार्मिकों के कौशल उन्नयन के लिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा मंच प्राप्त हुआ है। प्रदेश में 2,000 से अधिक निजी सुरक्षा एजेंसियांे के लाइसेंस हैं और इन सक्रिय निजी सुरक्षा एजेंसियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा इन सुरक्षा कार्मिकों के बेहतर प्रशिक्षण हेतु विभिन्न अभिनव प्रयोग किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराध की आधुनिक प्रवृत्ति के अनुरूप हमें भी अपने ट्रेनिंग के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा। प्रदेश में साइबर अपराध को रोकने के लिए सभी 18 परिक्षेत्रों में साइबर लैब्स स्थापित की जा चुकी हैं। वर्ष 2017 तक प्रदेश में मात्र 04 फॉरेंसिक लैब्स थीं। वर्तमान में प्रदेश में 12 फॉरेंसिक लैब्स संचालित हैं। 06 फॉरेंसिक लैब्स की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सहयोग से लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से युवाओं के कौशल विकास के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य प्रारम्भ हुआ। प्रधानमंत्री जी के कौशल विकास के विजन के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के युवाओं तथा स्थानीय कारीगरों के कौशल उन्नयन के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी/प्रशिक्षणार्थी को 15 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है तथा उसे उचित मानदेय भी दिया जाता है। प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को टूलकिट प्रदान की जाती है और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े लोग बैंकों द्वारा सस्ता लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार प्रदेश के हजारों परिवार इस योजना से जुड़कर खुशहाली की ओर आगे बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षा के क्षेत्र में कौशल के विकास एवं उन्नयन के लिए बेहतर कार्य किये जा रहे हैं और युवाओं को सम्मानजनक स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त हो रही है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश में अपने क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का प्रशंसनीय कार्य किया है। प्रदेश सरकार राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय से समन्वय स्थापित कर अपराधों की रोकथाम एवं सुरक्षा में अभिवृद्धि और युवाओं को सशक्त एवं सामर्थ्यवान बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसी दिशा में प्रदेश के 800 से अधिक युवाओं और पी0आर0डी0 के जवानों को सुरक्षा कार्य में सफल प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्य हमारे युवाओं को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ाएगा तथा अन्य लोगों को प्रेरित भी करेगा।