
पूर्व अध्यक्ष आनंदमणि त्रिपाठी ने विजयी टीम को दी शुभकामनाएं, जताया भरोसा

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा बुधवार देर शाम अवध बार एसोसिएशन के बहुप्रतीक्षित चुनाव परिणाम घोषित किए गए। इस चुनाव को लेकर अधिवक्ता समुदाय में भारी उत्साह और सक्रियता देखने को मिली। मतदान के बाद जैसे ही परिणाम सामने आए, बार परिसर उल्लास और जयघोष से गूंज उठा।
अध्यक्ष पद के चुनाव में एस. चंद्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता आई. पी. सिंह को 591 मतों के भारी अंतर से पराजित कर निर्णायक जीत दर्ज की। यह सफलता उनके संगठनात्मक अनुभव, स्पष्ट दृष्टिकोण और अधिवक्ताओं के बीच मजबूत विश्वास का परिणाम मानी जा रही है।
महासचिव पद पर ललित किशोर तिवारी (ललित तिवारी) ने 124 मतों से बल्केश्वर श्रीवास्तव को पराजित किया। यह विजय उनकी संगठन के प्रति प्रतिबद्धता, सतत सक्रियता और अधिवक्ताओं के बीच लोकप्रियता को प्रमाणित करती है। पूर्ववर्ती कार्यकाल में उन्होंने उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए अपनी कार्यक्षमता का प्रभावी परिचय दिया था, जिसे अधिवक्ता समाज ने एक बार फिर समर्थन के रूप में स्वीकार किया।
अन्य पदों पर भी कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।
उपाध्यक्ष (वरिष्ठ) पद पर डॉ. शैलेन्द्र शर्मा विजयी हुए।
उपाध्यक्ष (मध्य) के दो पदों पर हरिओम पाण्डेय और पवन कुमार सिंह निर्वाचित घोषित किए गए।
उपाध्यक्ष (कनिष्ठ) पद पर राघवेन्द्र पाण्डेय ने जीत दर्ज की।
संयुक्त सचिव के पदों पर गौरव श्रीवास्तव, अंगद कुमार शुक्ल और आशुतोष सिंह ने सफलता प्राप्त की। इन सभी ने अपने प्रचार के दौरान संगठन में पारदर्शिता, संवाद और युवाओं की भागीदारी को प्राथमिकता देने की बात कही थी।
परिणामों की घोषणा के साथ ही बार परिसर जश्न में डूब गया। विजयी प्रत्याशियों का स्वागत फूल-मालाओं, मिठाइयों और जयकारों के साथ किया गया।
इस अवसर पर अवध बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आनंदमणि त्रिपाठी ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आशा जताई कि नई कार्यकारिणी अधिवक्ता समाज के हितों की रक्षा, न्यायिक प्रक्रिया की सुचारुता और बार एवं बेंच के बीच समन्वय बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएगी।
महासचिव पद पर ललित तिवारी की जीत पर उन्होंने विशेष प्रसन्नता व्यक्त की। त्रिपाठी ने कहा कि ललित तिवारी न केवल एक कर्मठ और व्यवहार कुशल अधिवक्ता हैं, बल्कि संगठनात्मक जीवन में वर्षों से निष्ठा और ईमानदारी का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। उपाध्यक्ष के रूप में उनके पूर्व कार्यकाल ने यह सिद्ध किया कि वे नेतृत्व के लिए पूर्णतः उपयुक्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ताओं में तिवारी जी का जो सम्मान है, वह उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी गर्व का विषय है। इस विजय से जितनी खुशी स्वयं ललित तिवारी को हुई है, उससे कहीं अधिक संतोष उन्हें इस बात से है कि संगठन को एक योग्य महासचिव मिला है।
अवध बार एसोसिएशन का यह चुनाव न केवल एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सफलता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि अधिवक्ता समाज अब नेतृत्व चयन में अनुभव, पारदर्शिता और सेवा-भाव को प्राथमिकता दे रहा है। नई कार्यकारिणी से सभी को आशा है कि यह संस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और न्यायिक व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगी।