
धर्मांतरण का गढ़ ध्वस्त: छांगुर बाबा की 12 करोड़ की कोठी पर चला कानून का हथौड़ा
दैनिक इंडिया न्यूज़ ,नई दिल्ली ।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र स्थित मधपुर गांव में मंगलवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में छांगुर बाबा की 12 करोड़ रुपये की आलीशान कोठी को जमींदोज कर दिया। हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर मतांतरण कराने के आरोपों में घिरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की यह कोठी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाई गई थी।
सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में प्रशासन ने पहले गैस कटर से कोठी के मुख्य गेट का ताला काटा और फिर परिसर में प्रवेश किया। कार्रवाई के दौरान आठ बुलडोजर तैनात किए गए। शुरुआत में तीन बुलडोजर लगाए गए थे, लेकिन विशाल कोठी गिराने में अधिक समय लगने के कारण पांच और बुलडोजर मंगवाए गए। पांच घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान में पांच थानों की पुलिस फोर्स और एक प्लाटून पीएसी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया था। यह पूरा परिसर लगभग 11 बीघे में फैला था, जिसमें डिग्री कॉलेज का निर्माण भी कराया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई को देखने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े थे।
इस कोठी का निर्माण वर्ष 2022 में किया गया था। जांच में सामने आया कि जलालुद्दीन ने यह कोठी अपनी सहयोगी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन के नाम पर बनवाई थी। रात में ही जलालुद्दीन के परिवार और उसके करीबी लोग कोठी खाली कर भाग चुके थे। प्रशासन ने सोमवार देर शाम तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह के नेतृत्व में कोठी पर तीन नोटिस चस्पा किए थे। इन नोटिसों में कहा गया था कि सात दिन के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटा लिया जाए अन्यथा प्रशासन बलपूर्वक कार्रवाई करेगा। यह आदेश तहसीलदार उत्तरौला न्यायिक ने 15 मई 2025 को पारित किया था, जिसके अनुपालन में 17 मई, 26 मई और छह जून को नोटिस जारी किए गए थे।
इस मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, उसकी पत्नी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन सहित कई अन्य को अवैध मतांतरण और विदेशी फंडिंग के आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ा संदेश जारी करते हुए कहा कि ऐसे राष्ट्र विरोधी और समाज विरोधी तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति, सौहार्द और बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों को ऐसी सजा दी जाएगी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उदाहरण बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि जलालुद्दीन की गतिविधियां सिर्फ समाज विरोधी ही नहीं बल्कि देश विरोधी भी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त करेगी और उन पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
बलरामपुर की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए चेतावनी है, जो धर्म परिवर्तन जैसे षड्यंत्र रचकर समाज में जहर घोलने का कार्य कर रहे हैं। सरकार का संदेश साफ है – चाहे कोई भी हो, यदि कानून तोड़कर राष्ट्र और समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाएगा, तो उसकी संपत्ति और प्रतिष्ठा दोनों को जमींदोज कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा, “मुख्यमंत्री के संज्ञान में अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई समाज में न्याय और सुरक्षा की भावना को मजबूत करती है।”
ज्ञानवापी के पेटीशनर कुलदीप तिवारी ने प्रतिक्रिया दी, “सरकार इसी तरह यदि अपराधियों पर शिकंजा कसती रही तो एक दिन ऐसा आएगा जब लोग रामराज्य की परिकल्पना को साकार होते देखेंगे।”
वहीं, लखीमपुर खीरी से वरिष्ठ भाजपा नेता कुंवर रुद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा, “ऐसे राष्ट्रविरोधी अपराधियों को सजा देना बेहद आवश्यक है। यह समाज और देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी कदम है।”