डीडी इंडिया न्यूज़ संवाददाता-धनञ्जय पाण्डेय
मधुबन, मऊ। डाला छठ पर मधुबन में व्रती महिलाओं ने बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। सूर्योपासना के महापर्व पर श्रद्धा और तप का निराजल व्रत रखा। घाटों पर आस्था उमड़ पड़ी। घाटों पर जलतरंग करतीं दीपमाला की दिव्य व अलौकिक छटा देखते बन रही थी। छठी माता के पारंपरिक गीतों से पूरा मधुबन गूंजता रहा।तो वही लोकगायक बलवंत सिंह के गीतों से पूरा घाट सुन्दर भजनों से गूँजता रहा। इस दौरान नदी,पोखरों और सरोवरों के तट जगमगा उठे।
दोपहर बाद से ही अर्घ्य देने के लिए नगर व ग्रामीण क्षेत्रों की व्रती महिलाओं का घाटों सहित अन्य नदियों, तालाबों, नहरों के लिए प्रस्थान शुरू हो गया था। कुछ व्रती महिलाएं मनोकामना पूर्ण होने पर लेट कर घाट तक गईं। इस दौरान रास्ते में छठ मईया के गीत कांचहि बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए आदि गीत गूंज रहे थे। और अस्तांचल के समय दूध व जल से उन्हें अर्घ्य अर्पित किया। नगर के मोहल्ला दुधिया पोखरा,उसुरी पोखरा, पाँती, ख़िरीकोठा, गांगेबीर,चोरहवां,ककराडीह,नेवादा सहित तमाम घाटों पर भीड़ का रेला लगा रहा। दोपहर से ही घाटों,तालाबों की ओर महिलाओं के जाने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम होते ही अर्घ्य देने का क्रम शुरू हो गया।श्रद्घा और तप का निराजल व्रत रखा। वही नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि शंकर मद्धेशिया ने समस्त घाटों पर पहुँचकर माताओं-बहनों से आशीर्वाद प्राप्त किए,साथ ही इस उक्त अवसर पर राहुल दीक्षित, पीयूष मद्धेशिया,लाल बहादुर मल्ल,गोलू मौर्य, रमेश यादव,हैदर अली,वीर बहादुर यादव,प्रविन्द मल्ल तमाम लोग उपस्थित रहे।