मथुरा: जिला जेल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जिला जज व जिलाधिकारी के साथ SSP, सकते में आया जेल प्रशासन

बिना लखानी दैनिक इंडिया न्यूज। प्रदेश के जिला जेलों में बेहतर व्यवस्था और खामियों को जांचने के लिए सरकार की तरफ से समय-समय पर निरीक्षण के सख्त आदेश हैं। इसी क्रम में मथुरा जिला कारागार का जिला जज ,जिलाधिकारी सहित एसएसपी मथुरा ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया।
उन्होंने बैरकों, रसोईघर, अस्पताल, स्कूल, हथकरधा केन्द्र, सुरक्षा उपकरणों आदि का निरीक्षण कर विचाराधीन एवं सजायाफता कैदियों से जिला कारागार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली गयी।

जिला जज ,जिलाधिकारी सहित एसएसपी ने प्रशिक्षित महिला कैदियों द्वारा किये गये नवाचार एवं उनके द्वारा तैयार पर्स, बैग, थैले इत्यादि का अवलोकन कर सरहाना करते हुये प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर उनके साथ कारागार अधीक्षक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मथुरा पुलिस ने जन-चौपाल लगा कर महिलाओं को किया जागरूक

मथुरा पुलिस द्वारा जनपद के समस्त थाना क्षेत्रों में गाँव/मौहल्लों में जाकर जन चौपाल लगाकर महिलाओं को जागरूक किया। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिला सुरक्षा, महिलाओं के सम्मान, महिला स्वालंबन व वर्तमान परिवेश में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अपराध के रोक-थाम के लिए महिलाओं की सुरक्षा के तहत गांव-मोहल्ले में जाकर उ. प्र. पुलिस के द्वारा महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।

इसी क्रम में प्रत्येक थानों पर मौजूद महिला आरक्षी द्वारा जन चौपाल लगाया गया और उनकी समस्याओं को सुना गया साथ ही महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराध एवं घरेलू हिंसा उत्पीड़न के संबंध में जागरूक किया गया। महिलाएं अपनी समस्याओं को खुलकर नही बता पाती है इसलिए “मिशन शक्ति” के तहत प्रत्येक थाने पर एक महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है जहां पर महिला पुलिसकर्मी द्वारा महिला संबंधित समस्याओं को सुना जाएगा एवं उनकी प्रथम सूचना रिपोर्ट महिला पुलिसकर्मी द्वारा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी। महिला एवं बच्चियों के सुरक्षा हेतु प्रत्येक थाने पर एंटी रोमियो स्क्वायड टीम का गठन किया गया है जिसके तहत आरक्षी महिला टीम द्वारा मनबढो एवं मनचलों पर कार्यवाही की जा रही है। महिलाओं की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न एवं अन्य महिलाओं के विरुद्ध घटित होने वाले अपराधों पर कार्रवाई के संबंध में भी आम लोगों को जागरूक किया गया। महिलाओं के अपराध को रोकने के लिए 112, 1090 और 181 टोल फ्री नंबरों के संबंध में भी जागरूक किया गया।

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