मौनी अमावस्या पर पुण्य का संयोग, श्रद्धालुओं ने किए तर्पण और दान

पितृ तर्पण, स्नान और हवन से मिलेगी आध्यात्मिक ऊर्जा-डॉ विनोद मिश्र

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के रूप में जाना जाता है, पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान, दान-पुण्य और हवन का विशेष अनुष्ठान किया। आचार्य विनोद कुमार मिश्र, प्राचार्य श्री शिव प्रसाद संस्कृत महाविद्यालय, लखनऊ एवं निदेशक, भारतीय ज्योतिष वेद एवं प्राच्य विद्या अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने इस अवसर पर समस्त देशवासियों को मौनी अमावस्या की शुभकामनाएं ज्ञापित कीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व आत्मसंयम, पितृ तर्पण और आध्यात्मिक शुद्धि का महत्वपूर्ण अवसर है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

आचार्य विनोद कुमार मिश्र ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस दिन अन्नदान का विशेष महत्व है। स्कंद पुराण के अनुसार, अमावस्या को जो व्यक्ति किसी अन्य के घर का अन्न ग्रहण करता है, उसका संचित पुण्य अन्नदाता को प्राप्त हो जाता है। साथ ही, विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन वृक्षों की पत्तियां या फूल तोड़ने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है। अतः श्रद्धालुओं को इस दिन प्रकृति के संरक्षण का भी संकल्प लेना चाहिए।

हवन से मिलेगी सुख-समृद्धि

आचार्य विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए अमावस्या के दिन हवन करना अत्यंत लाभकारी होता है। हवन सामग्री में काले तिल, जौ, चावल, गौघृत, चंदन, गुग्गुल, गुड़ और कपूर का प्रयोग करने से घर में शांति और समृद्धि बढ़ती है। हवन के लिए निम्नलिखित मंत्रों से आहुति दी जानी चाहिए:

  1. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
  2. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
  3. ॐ ग्रहेभ्यो नमः
  4. ॐ लक्ष्म्यै नमः
  5. ॐ विघ्नविनाशकेभ्यो नमः

इस अनुष्ठान से न केवल पारिवारिक सुख-शांति में वृद्धि होती है, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

अमावस्या पर ध्यान रखने योग्य बातें

  • तिल के तेल का सेवन और शरीर पर उसका प्रयोग वर्जित है।
  • खेती या श्रम कार्य नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।
  • सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है।

श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर स्नान-दान और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। विभिन्न तीर्थ स्थलों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जहां संतों ने प्रवचन कर धर्म, संयम और आस्था का महत्व समझाया।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *